यूपी: निवेश मित्र पोर्टल से जुड़े 10 नए विभाग, बढ़ी 166 ऑनलाइन सेवाएं

यूपी में निवेश मित्र पोर्टल पर कोई असंतुष्‍ट होने पर उच्‍च स्‍तर पर इसकी असंतुष्‍टी होने के कारणों का मूल्‍यांकन किया जाएगा, समस्‍या का समाधान होने के बाद इसकी जानकारी संबंधित आवेदनकर्ता को भी दी जाएगी। अब इसके संबंध में 166 और ऑनलाइन सेवाएं गयी।

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प्रतीकात्मक चित्र

उत्तर प्रदेश में अब निवेश करने वाले निवेशकों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। निवेशकों को अब निवेश मित्र पोर्टल के जरिए 166 ऑनलाइन सेवाएं की सुविधा मिलेंगी। अब सिंगल विंडो पोर्टल पर सेवाएं देने वाले विभागों की संख्या को बढ़ाकर 24 कर दिया गया है।

अब तक यह 14 विभागों के पोर्टल से जुड़े हुए थे। इस व्यवस्था को और प्रभावी ढंग से बनाने के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पोर्टल पर आए फीडबैक की हर महीने पर मुख्‍य सचिव और सचिव स्‍तर पर समीक्षा करने का निर्देश दिया है।पोर्टल में जुड़ने वाले विभागों में कृषि, रेशम समेत कई विभाग है। पोर्टल पर विभागों के लिए एक डैशबोर्ड विकसित किया गया है। इस पर उद्यमी अपने सुझाव और शिकायत लोग दर्ज करा सकगे है।

वास्तव में भारत सरकार की तरफ से प्रत्येक साल ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के आधार पर प्रदेशों की रैंकिंग की जाती है और आवेदनकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर ही इसका मूल्‍यांकन किया जाता है। बता दें कि फरवरी महीने के साल 2018 से साल 2020 तक निवेश मित्र पर कुल 2,05,310 आवेदन किए गए है। इसमें से 79 प्रतिशत की अनुमोदन दर से 1,63,130 स्वीकृतियां, आपत्तियां आदि प्रदान की गई है।

ईंज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में यूपी की रैकिंग में तेज़ी से सुधार हुआ है और इस बार यूपी रैंक में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है और अब निवेश मित्र पोर्टल पर कोई उद्यमी किसी प्रकार से असंतुष्‍ट है तो उच्‍च स्‍तर पर उसके असंतुष्‍ट होने के कारणों का मूल्‍यांकन किया जाएगा। समस्‍या का समाधान होने के बाद इसकी जानकारी संबंधित आवेदनकर्ता को दी जाएगी।

फीडबैक के आधार पर ही विभागीय प्रक्रिया में आवश्‍यक बदलाव किया जाएगा। साथ ही किसी विभागीय अधिकारी और कर्मचारी की वजह से आवेदनकर्ता का मामला अटका है तो उस पर कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए गए है।

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