गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण, कानून और नियमों का करना चाहिए था पालन : महामहिम राष्ट्रपति

आज संसद के बजट सत्र से पहले भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण है कानून और नियमों का पालन करना चाहिए था।

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चित्र साभार: ट्विटर @rashtrapatibhvn

आज संसद का बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है इस बजट सत्र के पहले महामहिम राष्ट्रपति ने अपना संबोधन दिया उस संबोधन के दौरान श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि 26 जनवरी को जो घटना दिल्ली में घटित हुई वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साल जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया गया है उन कानूनों का समर्थन समय समय पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने किया था। राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया कि इन कानूनों को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान से ही भारत की कृषि आत्मनिर्भर बनेगी। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के बाद ही एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाया गया है। नई सिंचाई परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है। वही देश के प्रमुख 19 दलों ने भारत के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन का बायकाट किया है। जिसमें कांग्रेस,समाजवादी पार्टी,शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल,बहुजन समाज पार्टी तथा कई प्रमुख दल शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने विशेष रूप से इस मौके पर जवानों और किसानों के योगदान की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गलवान और सियाचिन घाटी में माइनस 50 से 60 डिग्री सेल्सियस की बफीर्ली ठंड तो जैसलमेर में 50 डिग्री की झुलसा देने वाली गर्मी में हमारे सैनिक देश की सुरक्षा का अपना दायित्व निभा रहे हैं। वहीं, कोरोना काल की चुनौती में किसानों ने देश में अनाज उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी।

उन्होंने कहा, “देश भर में शुरू की गईं किसान रेल, भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही हैं। अब तक 100 से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल-सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं।सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की स्थापना और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 15 हजार करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना भी की है।”

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