ट्विटर के झूठ का पर्दा अब सबके सामने हट चुका है। दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर ने स्वीकार किया है कि उसने नए IT नियमों का पालन नहीं किया है। दरसल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- “क्या आप कह रहे हैं कि ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रहा है?” इस पर केंद्र ने कहा- हां… तब ट्विटर ने भी सहमति जताते हुए कहा, “ये सही है कि आज की तारीख तक हमने नए IT रूल्स का ठीक तरह से पालन नहीं किया है।” हाईकोर्ट ने ट्विटर से कहा कि आपने कोर्ट को गलत जानकारी दी है। कोर्ट द्वारा ट्विटर से कहा गया, “उनके इस्तीफे के बाद आप कम से कम किसी दूसरे व्यक्ति को नियुक्त कर सकते थे।” ट्विटर ने कहा, “हम नए अधिकारी की नियुक्ति करने जा रहे हैं.” इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, “ये प्रक्रिया कब तक पूरी होगी? अगर ट्विटर को लगता है कि वो अपनी मर्जी से जितना समय लेना चाहता है ले सकता है तो हम ऐसा होने नहीं देंगे।” कोर्ट ने ट्विटर के वकील से कहा कि आप हमें अपने क्लाइंट यानी ट्विटर से पूछ कर बताएं कि शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में और कितना समय लगेगा?
हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि “26 फरवरी को नोटिफिकेशन के मुताबिक तीन महीने की मोहलत गलती सुधारने को दी थी। लेकिन डेढ़ महीने बाद भी जब ट्विटर ने सुधरने की दिशा में कोई पहल नहीं की तो हमें कार्रवाई शुरू करनी पड़ी।” इस पर हाईकोर्ट ने कहा,”अब हम ट्विटर को कोई प्रोटेक्शन नहीं दे सकते। केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है…क्योंकि ट्विटर को भारत में अगर अपना काम करना है तो उन्हें पता होना चाहिए कि कैसे बर्ताव करना है।”