विदेशी ताकतों से भारत को झुकाना चाहते हैं गद्दार, देश का मान बढ़ाने वालों के खिलाफ रची जा रही है साजिशें

यदि हमारे देश के आंतरिक मामले पर कोई विदेशी हस्तक्षेप करता है तो एक सच्चे नागरिक और देशभक्त होने के नाते हमारा ये फर्ज बनता है कि हम उस आवाज़ का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसे तत्काल बन्द करने का प्रयास करें।

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हमारा देश विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप की वज़ह से ही 200 सालो तक अअंग्रेजों का गुलाम बना रहा था। भारत मे छोटा सा व्यापार करने की नीयत से आये अंग्रेजो ने भारत के राजाओं के साथ साजिश करते हुए यहाँ पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया। अंग्रेजो ने भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने से शुरुआत करते हुए यहाँ के शासकों के साथ साजिश करना शुरू किया। देखते-देखते अँग्रेजी शासन ने हमारे पूरे देश और कब्जा कर लिया और हम अगले 200 सालो तक गुलामी की जंजीर में जकड़े रहे। ये तो बात हो गयी इतिहास की, जब हमारे देश के शासकों की नासमझी ने हमें गुलामी ने जीने पर मजबूर कर दिया।

इस बार गलती नहीं, बल्कि देश को बाँटने की साजिश है

लेकिन वर्तमान समय मे देश की जो स्थिति है उसे किसी की नासमझी नहीं कहा जा सकता है। हम बात कर रहे हैं देश मे ज्वलंत मुद्दे के रूप में चल रहा कृषि आंदोलन और उस कृषि आंदोलन के चलते अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले कुछ देश के गद्दारों की। “गद्दार” शब्द भले ही सुनने में थोड़ा कटु लगे, लेकिन वर्तमान समय मे विपक्ष की कुछ पार्टियां जिस कद्र दूसरे देशों के लोगो को भारत के आंतरिक मामले में दखल देने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं, वो देश से गद्दारी ही कही जाएगी। आज के समय में अगर कोई विदेशी हमारे देश के आंतरिक मामले में दखलंदाजी करता है तो उसके विरुद्ध समूचे देश को एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

घरेलू मामले पर किसी भी विदेशी को बोलने का हक नहीं

चाहे कृषि कानून का मामला हो या फिर NRC और CAA का विवाद। ये सभी देश के घरेलू मामले हैं और इन घरेलू मामले पर बोलने का हक देश से बाहर के किसी भी व्यक्ति को नहीं है। यदि हमारे देश के आंतरिक मामले पर कोई विदेशी हस्तक्षेप करता है तो एक सच्चे नागरिक और देशभक्त होने के नाते हमारा ये फर्ज बनता है कि हम उस आवाज़ का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसे तत्काल बन्द करने का प्रयास करें। ये हमारे देश की एकता का मिसाल ही है कि ऐसी स्थिति आने पर पूरा देश एकजुट हो उठता हो। फिर चाहें आलीशान बँगले में रहने वाला कोई बिजनेसमैन हो, फ़िल्म स्टार हो, कोई खिलाड़ी हो या फिर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला देश का कोई मजदूर। हम हिंदुस्तानियों के भीतर देशभक्ति कूट कर भरी हुई है। देश के सम्मान को हम सर्वोपरि रख कर चलते हैं।

मिलकर दे एकजुटता का संदेश

कुछ ऐसा ही दृश्य तब देखने को मिला जब, देश मे चल रहे किसान आंदोलन के मामले में कुछ विदेशी लोगो ने दखल देना शुरू कर दिया। अमेरिकी गायिका रिहाना और पोर्न स्टार मिया खलीफा के किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट के बाद देश वासियों के गुस्सा उन पर फुट पड़ा। सेलिब्रिटियों से लेकर आम जनमानस तक ने रिहाना और मिया खलीफा को खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया। आम जानमानस समेत फ़िल्म स्टार अक्षय कुमार, अजय देवगन, क्रिकेटर विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर और साइना नेहवाल जैसे दिग्गज लोगो ने भी इस घड़ी में देश को एकजुट होने का संदेश दिया। लेकिन देश के भीतर कुछ ऐसे भी लोग है जो कि इन विदेशियों के विरोध करने के बजाय उनका समर्थन करते नजर आ रहे हैं। यहाँ तक कि कुछ राजनीतिक पार्टियों में ऐसे गद्दार भी है जो कि देश का मान बढ़ाने वाले और देश को एकजुटता का संदेश देने वाले लोगो के खिलाफ भी साजिश करते नजर आ रहे हैं।

देश के गद्दारों को दें मुँहतोड़ जवाब

ये देश के भीतर रहने वाले वही गद्दार लोग है जो कि सिर्फ अपने व्यक्तिगत लाभ को ही देखते हैं। ये निज स्वार्थ के लिए और अपने राजनितिक लाभ के लिये विपक्ष को नीचा दिखाने की नियत से किसी भी हद तक जा सकते है। देश के आम लोगो को निस्चित तौर पर इस तरह के दोगले और गद्दार लोगो के झाँसे में आने से बचना चाहिए। हम सभी को एकजुट होकर विदेशी ताकतों से लड़ने के साथ ही देश के भीतर मौजूद इन गद्दारों को भी मुंहतोड़ जवाब देने की अवश्यकता है। किसी भी हालत में देश को बाँटने वाले तत्व इस देश में नहीं रहने चाहिए।

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