“चिट्ठी न कोई संदेश जाने वो कौन सा देश? जहां तुम चले गए” इस ग़ज़ल को गाने वाले जगजीत सिंह भले ही आज संसार में ना रहे हो, परंतु उनकी गजलें हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर जहां-जहां भी हिंदी और उर्दू समझने वाले लोग हैं उनके दिलों में बसती हैं। आसमान का एक ऐसा ऐसा सितारा जिसने गजल को एक नया मुकाम दिया, जगजीत सिंह… आज जगजीत सिंह की जयंती है। उनके द्वारा गायी गयीं गज़ले आज भी लोगों के दिलों में सफर करती हैं।
जगजीत सिंह और चित्रा की लव स्टोरी दुनिया भर में मशहूर थी। लेकिन जगजीत सिंह और चित्रा को पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। 1967 में एक विज्ञापन गाने की रिकॉर्डिंग के समय दोनों की मुलाकात हुई थी। जब पहली बार चित्रा ने जगजीत सिंह की आवाज सुनी थी, तो उन्होंने जगजीत सिंह के साथ गाना गाने से इंकार कर दिया था। म्यूजिक डायरेक्टर के कहने के बाद चित्रा और जगजीत सिंह के गाने की रिकॉर्डिंग हुई थी।
उनके द्वारा गायी गई कुछ गज़लें निम्न है:
तेरे आने की जब ख़बर महके…
तेरे ख़ुशबू से सारा घर महके…
शाम महके तेरे तसव्वुर से,
शाम के बाद फिर सहर महके…
चिठ्ठी न कोई संदेश,
जाने वो कौन सा देश,
जहां तुम चले गए…
कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे,
तूने आंखों से कोई बात कही हो जैसे…
झुकी झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं,
दवा दवा ही सही दिल में प्यार है कि नहीं..
तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो,
क्या गम है जिसको छुपा रहे है?
यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी…
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन,
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी…