भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया है। चारों तरफ कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की मौत हो रही है। सभी संसाधन कम पड़ चुके हैं। ऐसी स्थिति बन गई है कि जिन्हें बचाया जा सकता है उन्हें भी बचाया नहीं जा पा रहा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शशिकांत दास ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस बात करते हुए कहा की सेन्ट्रल बैंक कोविड की परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा दुनिया के मुकाबले भारत में रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है।
आरबीआई गर्वनर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा पहली लहर के बाद इकोनाॅमि में बेहतर रिकवरी देखी गई थी। उन्होंने उम्मीद जताई की अच्छे मानसून की वजह से गांवों में मांग बढ़ेगी। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने के लिए बैंकों द्वारा 31 मार्च 2022 तक अस्पतालों, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, वैक्सीन आयातकों, कोविड दवाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये के प्राथमिकता पर आधारित कर्ज की घोषणा की।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर शक्तिकांत दास ने कहा, ग्लोबल इकनमी में रिकवरी के संकेत हैं। भारतीय इकनॉमी भी दबाव से उबरती दिख रही है। भारत के कोविड संकट से बाहर निकलने की क्षमता पर विश्वास है। ग्रामीण मांग को मजबूत रखने के लिए अच्छे मानसून की उम्मीद है। मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में धीमापन थमता नजर आ रहा है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी आई बरकरार है। हालांकि अप्रैल में ऑटो रजिस्ट्रेशन में कमी दिखी है।कोविड प्रतिबंधों के बावजूद व्यवसायों ने जीवित रहना सीख लिया है।