कोरोना संक्रमण के कारण भारत के सभी क्षेत्रों की व्यवस्था तो पहले ही बिगड़ चुकी है और अब धार्मिक व्यवस्था भी बिगाड़ने के लिए प्रदूषण आ चुका है। पूरे देश में साल भर प्रदूषण की चादर छाई रहती है लेकिन हमारे देश का प्रशासन और प्रदेशों की राज्य सरकार है। इस पर कोई कड़ा की नियम या कोई कड़ा कदम नहीं उठाती। लेकिन दीपावली के पर्व पर पटाखों पर बैन लगाने के बाद प्रदेशों की सरकारें यह समझती हैं कि प्रदूषण कंट्रोल हो जाएगा। ठीक इसी प्रकार का कुछ दृश्य भारत के कई प्रमुख राज्यों में देखा जा रहा है। दिल्ली सरकार जो कि पहले से ही दीपावली पर पटाखों पर बैन लगा देती थी। उसने दोबारा दिवाली के त्यौहार पर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पटाखों पर बैन लगा दिया है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में बीएमसी ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसके अनुसार प्राइवेट और पब्लिक जगहों पर पटाखा जलाने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि 14 नवंबर को प्राइवेट सोसायटी में रहने वाले लोग फुलझड़ी और अनार जैसे पटाखों का उपयोग कर सकेंगे। बीएमसी की ओर से अपील की गई है कि इस दीपावली सभी बिना पटाखों का त्यौहार मनाए ताकि मुंबई को प्रदूषण और कोरोनावायरस की वेब से मुक्त रखा जा सके। यह भी कहा गया है कि बाहर निकलते वक्त मास्क पहने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और भीड़ एकत्रित न होने दें !…अगर सोसाइटी में भी बाहर निकल रहे हैं तो सभी प्रकार के नियमों का पालन करें
हरियाणा सरकार ने भी इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। हालांकि हरियाणा में 2 घंटे के लिए छूट दी गई है। यानी कि हरियाणा में दीपावली और गुरु पर्व के दिन रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक पटाखा जलाया जा सकेगा। इसके अलावा क्रिसमस और नए साल की रात को 11:55 बज के 12.30 मिनट तक पटाखे का उपयोग किया जा सकेगा।