अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम्,
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्…
इस श्लोक का अर्थ है यह मेरा है, यह उसका है, ऐसी सोच संकुचित चित्त वोले व्यक्तियों की होती है, इसके विपरीत उदारचरित वाले लोगों के लिए तो यह सम्पूर्ण धरती ही एक परिवार जैसी होती है। लेकिन हमारी इसी भावना को बहुत सारे लोगों ने हमारी कमजोरी समझा। किसी समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। लेकिन इसी कारण भारत पर बहुत सारे आक्रमण हुए भारत पर कई विदेशी आक्रमणकारियों ने बहुत समय तक राज किया। गुलाम, मुगल, खिलजी तुगलक जैसे कई पंथ के शासकों ने भारत में कई वर्षों तक शासन किया। इतना ही नहीं भारत की धरती पर कभी विदेशियों का राज रहा तो कभी हिंदू राजाओं ने भारत की धरती पर राज किया। लेकिन अगर आप इतिहास में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि बहुत सारे राजा भारत के ऐसे थे जिनके राज्य को रामराज्य तथा स्वर्ण काल की तरह माना जाता है, लेकिन वहीं बहुत सारे राजा ऐसे भी थे जिन्हें भारत के क्रूरतम राजाओं की श्रेणी में रखा जाता है।
मोहम्मद बिन कासिम
मोहम्मद बिन कासिम का जन्म सऊदी अरब में हुआ था। मोहम्मद बिन कासिम को भारत के क्रूर शासकों में गिना जाता है। केवल 17 साल की उम्र में मोहम्मद कासिम ने सिंध तथा मुल्तान प्रांत पर आक्रमण करके अपनी जीत हासिल की थी। कहा जाता है कि मोहम्मद बिन कासिम का दिल सिंध के तत्कालीन दीवान की बेटी पर आ गया था वह उसे अपनी बेगम बनाना चाहता था, लेकिन जब बेटी ने इंकार कर दिया तो कासिम ने उसका सर कलम करवा दिया। ऐसे ही जिंदगी राजा दाहिर और उनकी पत्नियों तथा पुत्रियों ने भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया।
महमूद गजनबी
महमूद गजनबी ने भारत के कई हिस्सों पर कई बार हमला किया। 1001 से 1026 ईस्वी के बीच गजनबी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। इन सभी आक्रमणों में उसने बुंदेलखंड किरात, लोहकोर्ट, ग्वालियर, कालिंजर लोदोर्ग, चिकलोद तथा अहिलबाड़ को तहस-नहस किया और लूटपाट की। इतिहासकार मानते हैं कि महमूद गजनबी ने अपना 16वां आक्रमण सन 1025 ईस्वी में सोमनाथ के मंदिर पर किया था। उसने वहां के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़ा और वहां से अपार धन प्राप्त किया। इस मंदिर को लूटते समय महमूद जब मंदिर के पुजारियों ने तथा आसपास के गांव के लोगों ने मंदिर को बचाने की कोशिश की, तब महमूद गजनबी ने अपनी क्रूर हरकतों के कारण करीब 5000 ब्राह्मणों और हिंदुओं का कत्लेआम किया था।
अलाउद्दीन खिलजी
भारतीय इतिहासकार अलाउद्दीन खिलजी को भी क्रूर शासक मानते हैं। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी पर युद्ध जीतने का ऐसा जुनून सवार होता कि उसने लोगों को मारना शुरू किया और निहत्थे तथा बच्चों को मारते समय भी उसके मन में दया नहीं आती थी।जिस वक्त महज़ मंगोलों का नाम सुनकर लोग कांप जाते थे उस समय अलाउद्दीन खिलजी ने कई स्थानों पर मंगोलों पर विजय प्राप्त की। खिलजी ने मंगोलों पर ऐसा कहर बरपाया कि मंगोलो ने इस्लाम कबूल कर लिया। यह माना जाता है कि खिलजी ने करीब 30,000 मंगोलों को मौत के घाट उतार दिया था और उनके परिवारों को अपना गुलाम बना कर रखा था।
औरंगजेब
औरंगजेब का नाम शायद ही भारत में किसी ने ना सुना हो। औरंगजेब, शाहजहां और मुमताज का बेटा था, औरंगजेब की क्रूरता आप इसी बात से पहचान सकते हैं कि उसने गद्दी पाने के लिए अपने ही पिता को कैद में डाल दिया था और अपने सगे भाइयो, भतीजों की बेरहमी से हत्या की थी। यह माना जाता है कि औरंगजेब ने ही सिखों के गुरु तेग बहादुर का सर कलम करवाया था और गुरु गोविंद के बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवा ने का काम भी औरंगजेब के आदेश पर ही किया गया था। औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान अपनी प्रजा पर बहुत जुल्म किये,लोग मानते हैं कि औरंगजेब के इस जुल्मी रवैया के कारण बहुत सारे गैर मुस्लिमों ने इस्लाम कुबूल कर लिया था।
उसका मानना था या तो लोग इस्लाम कबूल कर ले या फिर मरने के लिए तैयार हो जाएं…. औरंगजेब के शासन में ज्यादातर ब्राह्मणों को मुस्लिम धर्म कबूल करना पड़ा था। औरंगजेब ने कई मंदिरों को भी तुड़वा दिया था यहां तक कि औरंगजेब ने सार्वजनिक तौर पर हिंदू धर्म के त्योहारों को मनाने पर भी प्रतिबंध लगाया था। इन सभी बातों से परेशान होकर ब्राह्मणों ने गुरु तेग बहादुर के दर पर फरियाद लगाई और गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए मैदान ए जंग में उतरने का फैसला लिया।
बाबर
मुगल वंश की स्थापना करने वाला बाबर एक क्रूर लुटेरा था उसने उत्तर भारत को कई बार लूटा। बाबर का जन्म मध्य एशिया के समरकंद राज्य की एक छोटी सी जागीर फरगना में हुआ था। बाबर के पिता उमर शेख मिर्जा, तैमूर शाह तथा माता कुलनुक निगार खानम मंगोलों की वंशज थी। आप सभी इस बात से ही समझ सकते हैं कि बाबर का किसी भी प्रकार से न तो भारत में जन्म हुआ था और ना ही भारत में उसका कोई रिश्तेदार था। लेकिन उसके बाद भी आज के समय में हमारे देश के ही लोग बाबर का समर्थन करते हैं, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है
बाबर के जीवन का सबसे बड़ा युद्ध तब हुआ जब बाबर का टकराव मेवाड़ के राणा सांगा से हुआ था। बाबरनामा में इस युद्ध का विस्तृत वर्णन किया गया है। बाबर ने अमानुषिक ढंग से तथा क्रूरतापूर्वक हिन्दुओं का नरसंहार ही नहीं किया, बल्कि अनेक हिन्दू मंदिरों को भी नष्ट किया। बाबर की आज्ञा से मीर बाकी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर निर्मित प्रसिद्ध मंदिर को नष्ट कर मस्जिद बनवाई, इसी भांति ग्वालियर के निकट उरवा में अनेक जैन मंदिरों को नष्ट किया। उसने चंदेरी के प्राचित और ऐतिहासिक मंदिरों को भी नष्ट करवा दिया था, जो आज बस खंडहर है। उसके बावजूद भी हमारे देश के लोग बाबर का और बाबरी मस्जिद का समर्थन करते हैं।