उत्तर प्रदेश में तेजी से होगा औद्योगिक विकास, आवंटित भूमि पर उद्योग नहीं लगाया तो आवंटन किया जाएगा निरस्त

सरकार द्वारा उद्योगों के लिए बहुत सारी जमीन आवंटित की गई है। योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 साल के भीतर आवंटित की गई भूमि पर उद्योगिक इकाई को लगाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

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कोरोना संक्रमण के कारण बहुत सारे प्रवासी मजदूर अपने प्रदेशों में वापस आए हैं। जिसके कारण उन्हें रोजगार देने की एक बड़ी समस्या प्रदेश सरकार के सामने आ चुकी है। इसी कारण औद्योगिक क्षेत्रों को राहत देने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार अब बहुत दिनों से खाली पड़े हुए औद्योगिक क्षेत्रों के खिलाफ एक्शन लेने वाली है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की मृत्यु के कारण योगी कैबिनेट की मीटिंग नहीं हो सकी थी। ऐसे में कुछ प्रस्ताव बाई सरकुलेशन मंजूर हुए हैं।

इसमें एक प्रस्ताव मंजूर हुआ कि जिन उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूखंड आवंटित किया जाएगा। उन्हें 1 साल के भीतर वहां पर औद्योगिक इकाई लगानी होगी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके भूखंड के आवंटन को निरस्त कर दिया जाएगा। पहले औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूखंड आवंटित करने के बाद उसे विस्तारित करने के लिए काफी समय दिया जाता था लेकिन अब से ऐसा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कई अहम प्रस्ताव भी मंजूर कराए गए हैं। जिसमें बदायूं में राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माण अहम है।

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आपको बता दें बदायूं में राजकीय इंटर कॉलेज बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। जिसके लिए अब सिंचाई विभाग की जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी जाएगी। औद्योगिक विकास मंत्री के अनुसार अभी तक गोरखपुर औद्योगीकरण विकास प्राधिकरण के पास किसी भी जमीन को खरीदने या अधिग्रहित करने का अधिकार नहीं था। लेकिन अब इसे भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरह अपने किसी भी प्रोजेक्ट में आने वाली जमीन को खरीद व अधिग्रहित कर सकता है।

Image Source: Tweeted by @GorakhnathMndr

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