भारत में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम तेजी के साथ चल रहा है। देश के लगभग सभी राज्यों में 18 से 44 वर्ष के युवाओं और 45 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। शहरी इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने में ज्यादा समस्याएं नहीं आ रही है लेकिन ग्रामीण तथा दूर दराज के इलाकों में वैक्सीन नहीं पहुंच पा रही हैं। इसीलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि दूरदराज के इलाकों में टीका पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। इसके लिए इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड ने शुक्रवार को इस संबंध में अनमैन्ड एरियल व्हीकल या ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की हैं। कंपनी ने आवेदन के लिए प्रपत्र भी जारी कर दिया है।
HLL ने बताया है कि इस योजना के लिए यूएवी में कौन से स्पेसिफिकेशन होने चाहिए। कंपनी के नोट के मुताबिक, ड्रोन 100 मीटर की ऊंचाई पर कम-से-कम 35 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा यह कम-से-कम 4 किलोग्राम का वजन उठाने और वापस अपने स्टेशन या केंद्र पर आने में सक्षम होना चाहिए। पैराशूट आधारित डिलिवरी को प्रमुखता नहीं दी जाएगी। यह समझौता 90 दिनों के लिए मान्य रहेगा और यूएवी ऑपरेटर की परफॉर्मेंस के साथ ही अभियान की जरूरत आधार पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।