राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 10 जुलाई को एक मामला दर्ज किया था। जिसके तहत एक तस्कर का मोबाइल सर्विस लाइन पर लेने के दौरान सरकार गिराने की साजिशों का पता लगाया जा रहा था। एसओजी ने दावा किया कि भरत मालानी और उदयपुर में रहने वाले अशोक सिंह कई लोगों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे। इस मामले में एसओजी के इंस्पेक्टर ने दर्ज किए गए बयान के आधार पर एसओजी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस भी जारी किया था। यह मामला राजद्रोह के अंतर्गत दर्ज किया गया था।
राजस्थान में सरकार गिराने की कथित साजिशों का खुलासा करने वाली राजस्थान पुलिस की एसओजी ने 28 दिन बाद एफआईआर को यह कहकर बंद कर दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया में कोई मामला ही नहीं बनता है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के वकील संत कुमार ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं। कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए गिरफ्तार आरोपी संजय जैन, भरत मालानी और अशोक सिंह को छोड़ने के आदेश दिए हैं। हालांकि संजय जैन अभी एंटी करप्शन ब्यूरो में 5 दिन की रिमांड पर हैं इसीलिए अभी उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच हुए विवाद में ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अपनी खास सक्रियता नहीं दिखा रही है। जिनको राजस्थान में इस उठापटक के बीच सरकार बनाने का मौका ढूंढना चाहिए था वह वसुंधरा राजे सिंधिया इस समय दिल्ली के दौरे पर हैं।