आपने हिंदू मंदिरों के बारें में काफी कुछ सुना होगा। व्यवहारिक रूप से कई मंदिरों के बारे में जानने का मौका भी आपको मिला होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के बारें में। अगर नहीं तो आपके लिए ये जानकारी काफी महत्वपूर्ण होने वाली है। आज हम आपको बतायेंगें उस मंदिर के बारें में जो दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है औऱ कई सौ एकड़ में फैला हुआ है। विश्व का सबसे बड़ा मंदिर भारत में नहीं बल्कि कंबोडिया देश के अंकोर में स्थित है। इस मंदिर का नाम है अंकोरवाट मंदिर। अंकोर सिमरिप शहर में मीकांग नदी के किनारे स्थित है। यह सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है। यह भगवान विष्णु का मंदिर है। यहां पर पहले के शासकों ने बड़े-बड़े भगवान शिव के मंदिरो का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि इसका पुराना नाम यशोधपुर था। राजा सूर्यवर्मन द्वितीय के शासन काल 1112 से 1153 ईस्वी में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
कंबोडिया में है विश्व का सबसे प्राचीन हिंदू मंदिर
कहा जाता है कि सालों पहले कंबोडिया में हिन्दू धर्म था। पहले इसका संस्कृत नाम कंबुज या कंबोज था। कंबोज की प्राचीन कथाओं के मुताबिक, उपनिवेश की नींव आर्यदेश के राजा कंबु स्वयांभुव ने रखी थी। उन्होंने यहां की नाग जाति के राजा की मदद से इस जंगली मरुस्थल पर राज्य बसाया था। नागराज की अद्भुत जादूगरी से मरुस्थल हरे भरे, सुंदर प्रदेश में बदल गया। लेकिन विदेशियों ने जब इस वैभवशाली राज्य के लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा तब यहां की स्थितियां बदलने लगी। बहुत सारे लोग यहां से पलायन कर गए और काफी लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया। लेकिन यहां के लोग आज भी स्वयं को हृदय से हिंदू मानते हैं।
मंदिर की विशेषताएं
यह मंदिर 402 एकड़ में फैला हुआ है। 1112 से 1153 ईस्वी के दौरान बनवाए गए इस मंदिर का आकार दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से करीब चार गुना बड़ा है, जबकि दिल्ली के बिरला मंदिर से ये करीब 27 गुना बड़ा है। इस मंदिर के चित्र को कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में छापा गया है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित हो चुके इस मंदिर को दुनिया के सबसे मशहूर धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर को इंडोनेशिया के नागरिक ‘पानी में डूबा हुआ मंदिर का बगीचा’ भी कहते हैं। 402 एकड़ में फैले हुए इस मंदिर के दीवार पर हिंदू धर्म से जुड़ी हुई कथाओं का चित्रण किया गया है। इसकी दीवारों पर समुद्र मंथन के दृश्य का भी चित्र दिखाई देता है। मंदिर की दीवारों पर पूरी रामायण अंकित है। यहां पर बहुत सारे लोग सूर्यास्त और सूर्योदय को देखने जाते हैं।