कुतुबमीनार की मरम्मत का काम होगा शुरू, 100 साल बाद बदली जाएंगी 179 सीढ़ियाँ

भारत की प्रमुख इमारतों में शामिल कुतुबमीनार की 100 सालों बाद मरम्मत होने जा रही है। 100 सालों बाद अब कुतुबमीनार की 179 सीढियां बदली जाएंगी।

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भारत में बहुत सारी इमारतें है जिनकी ख्याति देश-विदेश सभी स्थानों पर है। इसमें बहुत सारी इमारतें भारतीय संस्कृति पर आधारित हैं जैसे अजंता एलोरा की गुफाएं, खजुराहों का मन्दिर! कुछ इस्लामिक इमारतें भी भारत में हैं जिसमें कि हुमायूँ टॉम्ब, ताजमहल, आगरा का किला, लालकिला, कुतुबमीनार आदि आते हैं। इन पुरानी इमारतों की देखभाल के साथ साथ इनकी ख़ूबसूरती को बनाये रखना एक कठिन कार्य है जिसके लिए लगातार सरकारों को ये काम देखना पड़ता है। अब ये बताया जा रहा है कि कुतुबमीनार की मरम्मत की जाएगी। इस मीनार के भीतर की 179 सीढ़ियां बदली जाएगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार इसमें 379 सीढ़ियां है जिसमें 200 ठीक अवस्था में हैं और बाकी को अब ठीक करना होगा। लगभग 100 सालों बाद इसमें कुछ कार्य किया जा रहा है।

ASI के अनुसार इनमें से कुछ सीढ़ियां लाल पत्थर की हैं तो कुछ काले पत्थर की , इसके स्थान पर इन्हीं रंगों तथा इन्हीं गुणवत्ताओं वाले पत्थरों का उपयोग किया जायेगा। ये कहा जा रहा है कि ये पूरा काम 6 महीने के भीतर पूरा हो जायेगा। मीनार को सुरक्षित रखते हुए इस काम को करना है तो इसमें इतना वक़्त लगना लाजिम है। इन सीढ़ियों पर पत्थरों को चिपकाने के लिए किसी प्रकार की सीमेंट का प्रयोग नहीं जायेगा बल्कि चूना, गुड़, उड़द, बेल पत्र तथा गोंद जैसी चीजों का उपयोग किया जायेगा। इस मीनार की विशेषता ये है कि ये 72.5 मीटर ऊँची मीनार है, जो भारत की सबसे ऊँची मीनार है। दिल्ली के मेट्रो कार्ड पर भी इसकी इसका चित्र अंकित है।

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