काफी समय से प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर थीं। लेकिन आज उन सभी विपक्षी पार्टियों के मंसूबों पर विराम लग गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर परियोजना में काम करने वाले मजदूर साइट पर ही रह रहे हैं, तो निर्माण कार्य रोकने का सवाल ही नहीं उठता। डीडीएमए आदेश में भी कहीं भी निर्माण कार्य पर रोक की बात नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाते हुए यह भी कहा कि यह जनहित याचिका नहीं बल्कि दुर्भावनापूर्ण दायर की गई याचिका है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पिछले दिनों इस याचिका को खारिज करने की भी बात कही थी। केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जा रहा है। इसी के साथ याचिकाकर्ता की नीयत पर सवाल उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि जनहित बहुत ही सिलेक्टिव है, उन्हें दूसरे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजदूरों की कोई परवाह नहीं है, जो शायद इससे 2 किलोमीटर दूरी पर ही चल रहे हैं।
परियोजना के कारण कई लोगों को है जान का खतरा: याचिकाकर्ता
याचिका में कहा गया था कि कोरोना के दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। इस परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में है।