नेक़ी कर दरिया में डाल वाली कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी लेकिन आज के समय में कौन ऐसी कहावतों पर विश्वास करता है। लेकिन हाल ही में एक ऐसा ही वाक़या देखने में आया जिसमे एक RPF जवान से एक महिला ने मदद मांगी और उस महिला की मदद करने के लिए उस जवान ने स्टेशन से बाहर की ओर दौड़ लगानी शुरू कर दी। दरसल RPF जवान इंदर सिंह यादव, भोपाल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में तैनात है। यहां से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 31 मई को कर्नाटक से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रही थी।
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उसके कोच एस-7 में साफिया हाशमी नामक महिला बैठी हुई थी जिसे गोरखपुर जाना था। उसके साथ उसकी एक नन्हीं बेटी थी। बेटी बहुत देर से दूध नहीं मिलने की वजह से रो रही थी। साफिया कई स्टेशनों पर लोगों से दूध उपलब्ध कराने की मांग कर चुकी थी, लेकिन उस दौरान किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।ट्रेन रात 8.43 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-1 पर पहुंची थी जहाँ पर जवान इंदर सिंह यादव तैनात थे।
महिला द्वारा जवान से मदद मांगे जाने पर जवान से नन्हीं बेटी को रोता हुआ नहीं देखा गया और उस महिला की मदद करने के लिए के लिए उसने 200 सौ मीटर तक दौड़ लगा दी। स्टेशन के बाहर से दूध खरीदा और प्लेटफार्म पर वापस कदम रखा तो उसने देखा कि ट्रेन चल चुकी थी। जवान ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए किसी तरह बच्ची तक दूध पहुंचा दिया।
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जब यह वीडियो सामने आया तो रेलमंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें नगद पुरस्कार देने की घोषणा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए असली हीरो बताया और आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने इंदर सिंह से फोन पर बात कर उसे शाबासी दी । इतना ही नहीं, जवान को 2 जून के बाद से देश के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना 25 से 30 कॉल आ रहे हैं। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह उन्हें नगद पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। जब महिला 1 जून की सुबह गोरखपुर पहुंची तो उसने वीडियो संदेश भेजकर जवान को असली हीरो बताया था।
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