26 जनवरी 2021 को जब पूरा देश गणतंत्रता का जश्न मना रहा था तब हमारे ही देश के कुछ लोग लाल किले पर जाकर हंगामा कर रहे थे। देश की राजधानी दिल्ली में जिस प्रकार से दंगे फसाद किए गए उससे यह सिद्ध होता है कि यह पूरी सोची-समझी रणनीति के तहत कार्य किया गया। हर तरफ से ऐसी खबरें आई हैं जहां पर पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ दंगाई पुलिस पर हावी होते हुए दिखाई दिए। लेकिन दिल्ली का एक बॉर्डर ऐसा भी था जहां पर किसानों की शक्ल में पहुंचे दंगाइयों को पुलिस ने खदेड़ दिया उन्हें अंदर जाने नहीं दिया। पुलिस ने इतनी शक्ति के साथ उन लोगों पर कार्रवाई की कि उन सभी को ट्रैक्टर लेकर वापस जाना पड़ा।
ज़ी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के शाहदरा डिस्टिक के एडिशनल डीसीपी संजय कुमार सेन और अंडर ट्रेनी आईपीएस रुदल यादव तथा उनके स्टाफ ने मिलकर चिंतामणि चौक से दंगाइयों को दिल्ली में घुसने ही नहीं दिया पुलिस स्टाफ जब रोकने की कोशिश कर रहा था उसी दौरान एक दंगाई ने कार से पुलिस वाले को कुचलने की कोशिश की लेकिन सौभाग्य से पुलिसकर्मी की जान बच गई दंगाई तय किए गए रूट से हटकर लाल किले में जाने का प्रयास कर रहे थे पुलिस ने जब लाठीचार्ज और टियर गैस का इस्तेमाल किया तो दंगाई ट्रैक्टर लेकर वापस जाने लगे
इन सभी उग्रवादियों ने दिल्ली के चिंतामणि चौक से दिल्ली की सीमा में अंदर घुसने के लिए बैरिकेट्ड को ट्रैक्टर से तोड़ने का प्रयास किया। शाहदरा डिस्टिक के एडिशनल डीसीपी संजय सेन के पीएसओ हवलदार वीरपाल सिंह ने ज़ब उन्हें रोकने की कोशिश की। तब उग्रवादियों ने तेज स्पीड से ट्रैक्टर चलाकर बैरिकेड पर मारा दो बैरिकेड 10 फीट हवा में उछल कर हवलदार वीरपाल सिंह के ऊपर जा गिरा उसका प्रेशर इतना था कि वह मौके पर ही बेहोश हो गए। हालांकि उन्होंने बॉडी प्रोटेक्टर पहन रखा था जिसके कारण उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया जिसके बाद अब वे ठीक है।