देश में बहुत सारे स्थानों पर किसान आंदोलनकारियों ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया है,मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया है।जिसके कारण अब कम्युनिकेशन की बड़ी समस्या देश के कुछ राज्यों में देखी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने माल गाड़ियों के संचालन के लिए बनाए गए ईस्टर्न डेडीकेटड फ्रेट कॉरिडोर के प्रयागराज कंट्रोल रूम और लुधियाना से लेकर पश्चिम बंगाल स्थित दानकुनी स्टेशन तक 1875 किलोमीटर डीएफसी ट्रैक पर ट्रेनों का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को बीसवीं सदी की नई पहचान देने वाला है। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हुए हम देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,”देश का किसी पार्टी का नही इंफ्रास्ट्रक्चर अपितु वह तो देश का भविष्य होता है। यहां पर एक और मानसिकता का जिक्र करना बहुत जरूरी है, जो मानसिकता प्रदर्शनों और आंदोलनों के नाम पर देश को नुकसान पहुंचाने वाली है। यह किसी नेता दल की नहीं अपितु जनता की है। करदाताओं तथा गरीबों ने अपना पेट काटकर पैसा दिया है तब जाकर ये इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है। हमें अपना राष्ट्रीय दायित्व नहीं भूलना चाहिए। जिस रेलवे को नुकसान पहुंचाया जाता है वही बुरे समय में हमारे काम आती है।”
जो हम प्रदर्शनों और आंदोलनों में देखते हैं। ये मानसिकता देश की संपत्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की है।
हमें याद रखना चाहिए ये संपत्ति किसी नेता या दल की नहीं, देश की है।
समाज के हर वर्ग का इसमें पसीना लगा है।– पीएम @narendramodi#VikasKaRailCorridor pic.twitter.com/08wT9MmvgI
— BJP (@BJP4India) December 29, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “पहले की सरकारों का लक्ष्य रेल की संख्या बढ़ाने का इसलिए होता था जिससे उन्हें चुनाव में वोट मिल जाए। ट्रैक पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। जोखिम भरा स्ट्रक्चर बना दिया गया था रेलवे को। हमने ऐलान करके भूल जाने वाली संस्कृति को दरकिनार कर दिया है और राष्ट्रीय विकास का कार्य कर रहे हैं। रेलवे में स्वच्छता और स्वच्छ भोजन का फर्क दिखाई देता है।”