व्यक्ति के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसे और उसके परिवार को जिस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वो वाकई में आश्चर्यचकित कर देने वाला है। हाल ही में बेंगलुरु से एक ऐसा वाकया सामने आया, जब कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत के बाद उनके परिजनों को एंबुलेंस के लिए करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान, मरीज का शव घर के बाहर सड़क पर रखा रहा। इस वाकये का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में एक 55 वर्षीय शख्स का शव घर के बाहर सड़क पर रखा हुआ है और उसके रिश्तेदार शव के बगल में खड़े दिखाई दे रहे हैं। मृतक की पत्नी ने कहा कि उन्हें (मृत व्यक्ति) सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और घर पर ही इलाज चल रहा था। मृतक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थी। मरीज की हालत खराब होने पर पत्नी ने अस्पताल को इसकी सूचना दी और एंबुलेंस भेजने के लिए कहा। एंबुलेंस आने में देरी होने की वजह से परिवार के सदस्यों ने मरीज को ऑटो रिक्शा से अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन घर से बाहर निकलते ही सड़क पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया और एंबुलेंस करीब 2 घंटे देरी से पहुंची।
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राज्य में कोरोना मामलों के प्रभारी मंत्री आर अशोक ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बेंगलुरू नगर निकाय के आयुक्त अनिल कुमार ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए जाएंगे। अनिल कुमार ने कहा है कि, “मामले की जांच का आदेश दिया जा रहा है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में दोबारा इस तरह की घटना न हो। कोरोना की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव है। पिछले कुछ दिनों में बेंगलुरु में चिंताजनक रूप से कोरोना के मामले बढ़े हैं। शु्क्रवार को, बेंगलुरू में पिछले 24 घंटे में 994 नए केस दर्ज किए गए हैं। शहर में कोरोना के अब तक 7,173 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 106 की मौत हो चुकी है। वहीं, कर्नाटक में अब तक 19,710 मामले आए हैं और 293 लोगों की वायरस की वजह से जान गई है। हालांकि अगर डबलिंग रेट के हिसाब से देखा जाए तो बेंगलुरु में कोरोना रोगियों की संख्या दिल्ली, मंबई और चेन्नई से भी तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अभी भी देखा जाये तो बेंगलुरु कोरोना के कुल मामलों के हिसाब से अन्य महानगरों से कहीं पीछे है।