कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या जाकर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम के बाद पूरे देश में धूम मच गई और दिवाली के आने से पहले ही देशवासियों ने कल दिवाली मनाई। एक तरफ पूरा देश इस मामले पर एक दिखाई दे रहा था हर ओर जश्न का माहौल था लेकिन कुछ राजनेता ऐसे थे जो उसमें भी राजनीति कर रहे थे। कल केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने ट्विटर से संविधान के मूल प्रति को शेयर किया जिसमें मौलिक अधिकार वाले पेज पर भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण का चित्र था। ऐसा माना जा रहा है केंद्रीय कानून मंत्री ने हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी को इशारों ही इशारों में संविधान की कुछ मूल पन्नों की याद दिलाई।
कानून मंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत के संविधान और मूल दस्तावेज में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का एक सुंदर चित्र है जिसमें रावण को हराकर अयोध्या लौट रहे हैं। यह मौलिक अधिकारों से संबंधित अध्याय की शुरुआत में उपलब्ध है। आप सभी के साथ शेयर करने का मन हुआ। #जय श्री राम”
Original document of the Constitution of India has a beautiful sketch of Lord Ram, Mata Sita and Laxman returning to Ayodhya after defeating Ravan.
This is available at the beginning of the chapter related to Fundamental Rights.
Felt like sharing this with you all.#JaiShriRam pic.twitter.com/jCV9d8GWTO— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 5, 2020
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की ट्वीट से पहले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री की अयोध्या दौरे को गैरकानूनी और गैर संवैधानिक करार दे दिया। ओवैसी का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी को अयोध्या जाकर भूमि पूजन नहीं करना चाहिए था क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं। यदि ऐसा है तो सरदार बल्लभ भाई पटेल ने भी अपनी संवैधानिक मर्यादाओं का पालन नहीं किया था क्योंकि उन्होंने सोमनाथ के मंदिर को पुनः निर्मित कराया था। इसका अर्थ यह है कि ओवैसी के अनुसार भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने भी भारत के संविधान का पालन नहीं किया था जब उन्होंने सोमनाथ मंदिर को राष्ट्र के लिए समर्पित किया था। क्या इस देश में संविधान का पालन तभी हो सकता है जब कोई व्यक्ति अपने धर्म को त्याग दें? क्या कोई व्यक्ति यदि भारत का प्रधानमंत्री है तो उसे अपनी संस्कृति अपनी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार नहीं है?
AIMIM के अध्यक्ष @asadowaisi ने कहा- “संविधान उनसे (प्रधानमंत्री मोदी) से डिमांड करता है कि वो किसी एक मज़हब के ना हो जाएं…आज प्रधानमंत्री ने वहां जा कर पूरे देश को ये बता दिया कि वो सिर्फ एक मज़हब के हैं!”
AIMIM के अध्यक्ष @asadowaisi ने कहा- "संविधान उनसे (प्रधानमंत्री मोदी) से डिमांड करता है कि वो किसी एक मज़हब के ना हो जाएं…आज प्रधानमंत्री ने वहां जा कर पूरे देश को ये बता दिया कि वो सिर्फ एक मज़हब के हैं!"#हल्ला_बोल (@anjanaomkashyap) pic.twitter.com/ixiCUy9KHa
— AajTak (@aajtak) August 5, 2020
Image Source: Tweeted by @PIB_India