जयपुर । कोरोना वायरस के चलते 21 दिन के लाॅकडाउन की मार सबसे ज्यादा मजदूरों को उठानी पड़ रही है। ऐसे में कोई पैदल तो कोई रिक्शे से ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं। जयपुर के झोटवाड़ा के बड़े चैराहे पर छोले-भटूरे का ठेला लगाने वाले औरैया निवासी राजेश अपने ठेले पर अपने परिवार को बैठाकर अपने गांव की तरफ पैदल ही निकल लिया। वह सोमवार सुबह को अलवर चौराहे से गुजरा तो पुलिस ने उसे रोक लिया। उनसे सवाल जवाब किए तो कहा मेरे पास ना तो खाने के लिए राशन है और ना ही किराया चुकाने के लिए पैसे, ये सब नहीं होने के कारण मैं अपने घर की ओर जा रहा हूँ। राजेश के काफी कहने के बाद भी पुलिस उसे आगे भेजने के लिए तैयार नहीं हुई। फिलहाल उसे और उसके परिवार के साथ एक भवन पर रखा गया है जहाँ राज्य से जाने वाले मजदूरो को रहने खाने की व्यवस्था की हुई है। हालांकी केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में साफ तौर पर राज्य सरकारो को आदेश दिए है तब से पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है ।
पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा लाॅकडाउन के बारे में जानकारी दी। जिस पर छोले-भटूरे वाले ने कहा कि 27 मार्च के बाद से उसके घर पर चूल्हा नहीं जला। पत्नी व बच्चे दो दिन भूखे सोए। कोरोना से पहले हमें भूख मार देती। इसी के चलते मैंने अपने गांव चलने का प्रण लिया और ठेले पर अपने परिवार को बैठाकर निकल पड़ा। इसी बीच रविवार तक स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ो के अनुसार, दुनियाभर में तेजी से फैल रही महामारी कोरोना से भारत में संक्रमित लोगो की संख्या 1100 से अधिक हो गयी है जबकि इसके संक्रमण के कारण अभी तक 27 लोगों की जान भी जा चुकी है।