आगे भी जारी रहेगा किसानों का आंदोलन, बेनतीजा रही बैठक

आज भारत सरकार के प्रमुख मंत्रियों के साथ 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई, जो बेनतीजा रही। इस बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ किसानों की ओर से यह कहा गया है कि सरकार को यह कानून वापस लेने चाहिए।

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देशभर में लगातार किसानों के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। सभी लोगों का कहना है कि किसानों की बात सुनी जानी चाहिए। उन्हें इन कानूनों के बारे में समझाना चाहिए। दिल्ली में लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं और अब किसानों ने यह भी कह दिया है कि वे दिल्ली के प्रमुख रास्तों को बंद कर देंगे। इसी बीच किसानों को समझाने के लिए आज भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा कृषि विभाग के आला अधिकारियों और लगभग 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच दोपहर 2:00 बजे से एक बैठक प्रारंभ हुई! हालांकि यह बताया जा रहा है कि यह बैठक बेनतीजा रही है फिर भी इस बैठक में कई प्रमुख बातें हुई…

हम आपके लिए बनाएंगे कमेटी: नरेंद्र तोमर, कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा,”चार से पांच नाम अपने संगठन से दे दीजिए,एक समिति बना देते हैं जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे और नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे।” किसानों को समिति पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका यह कहना है कि जब तक समिति कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा!

यह कानून किसानों के लिए हैं डेथ वारंट: किसान

कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा है, “सरकार ऐसा कानून लाई है जिससे हमारी जमीन बड़े कारपोरेट ले लेंगे, आप कारपोरेट को इसमें मत लीजिए अब समिति बनाने का समय नहीं है!… आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला मत कीजिए।”

सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे किसान नेता चंद्र सिंह का कहना है, “कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे चाहे वह बुलट हो या शांतिपूर्ण समाधान।” उन्होंने कहा है, “हम बातचीत के लिए फिर आएंगे…” वहीं अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह का कहना है, “आज की बैठक अच्छी रही, सरकार के साथ 3 दिसंबर को अगली बैठक के दौरान हमने समझाएंगे।”

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