एक तरफ भारत जहां कोरोना महामारी से लड़ रहा है तो वहीं LAC पर चीन की नापाक हरकत ने भारत और चीन के बीच तनातनी को और बढ़ा दिया है। दोनों देश इस समय युद्ध की स्थिति के बीच आ खड़े हुए हैं। गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई झड़प के बाद 20 भारतीय जवान और 35 चीनी सैनिक शहीद हो गए थे। जिसके बाद से ही नई दिल्ली से लेकर बीजिंग तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
हालाँकि LAC पर ताजा हालातों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। ऐसे में अब हर किसी की नजर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी है कि वह आगे क्या रणनीति तय करते हैं! इस समय भारत और मोदी के सामने चुनौती सिर्फ चीन से निपटने की ही नहीं है बल्कि चुनौतियां पांच तरफ़ा हैं। तो आइए जानते हैं क्या हैं ये पांच चुनौतियां!
पहली चुनौती – चीन
चीन पर अब नहीं भरोसा नही किया जा सकता। पिछले कुछ महीनों से लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पार कर अवैध तरीके से भारतीय सीमा में घुसी चीनी सेना को लेकर दोनों देशों के बीच लगातार बात चल रही थीं। बातचीत के बाद चीनी सेना 2 किलोमीटर पीछे भी हट गयी थी लेकिन अंत में चीन ने चालाकी दिखाते हुए सरहद पर सैन्य ताकत बढ़ा दी। हद तो तब हुई जब चीन के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। ऐसे में चालबाज चीन से निपटना पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगा।
दूसरी चुनौती – पाकिस्तान
चीन की आंड़ में अपने नापाक हरकतों से बाज न आने वाला पाकिस्तान भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सीजफायर का समझौता हुआ था। लेकिन पड़ोसी देश साल के 12 महीने सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है। इस समय जब भारत चीन के साथ सीमा पर जंग लड़ रहा है तो वहीं पाकिस्तान इस युद्ध की आड़ में LOC पर मोर्टार और गोले दाग कर घुसपैठ करने की लगातार कोशिश कर रहा है। ये मामला भी भारत के लिए चुनौती से कम नहीं है।
तीसरी चुनौती – नेपाल
जबसे चीन ने नेपाल के आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करना चालू किया है अचानक से नेपाल भी भारत को आँखे दिखाने लगा है। नेपाल की सत्ता कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ लगते ही अब जो देश कभी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता था, वह भी चीन के आदेश पर भारत को आंख दिखाने लगा है। नेपाल ने अपनी संसद में भारत के तीन हिस्सों को अपना बताकर नया नक्शा पास कर दिया है। जहां कभी भी चीनी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
चौथी चुनौती – कोरोना
लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले अब भारत के लिए अलग से सबसे बड़ा सरदर्द बनता जा रहा है। भारत में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 3 लाख के पार पहुँच गया है। ICMR की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना का पीक अब और देरी से आएगा। इस रिपोर्ट में मध्य नवम्बर तक पीक आने का अनुमान है। ऐसे में केंद्र के सामने कोरोना पर काबू पाना भी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
पांचवीं चुनौती – अर्थव्यवस्था
इन सभी मुद्दों के बीच अर्थव्यवस्था को कोरोना चक्र से बाहर निकालना पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी समस्या रहेगा। कोरोना ने देश की इकॉनमी को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। लगातार गिरती अर्थव्यवस्था से देश को बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को संभालना भी पीएम मोदी के लिए बेहद जरूरी रहने वाला है।