अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के बाद अब पूरे देशभर के लोग उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं और शिवसेना सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि एक किसान ने 2019 के अप्रैल महीने में आत्महत्या कर ली थी और उसने अपने सुसाइड नोट में शिवसेना सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। 5 महीने बाद इस मामले को 1 साल हो जाएंगे फिर भी दिलीप धवले नाम के किसान के परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला है। मृतक किसान के परिवार की मांग है कि जिस तरह से तत्परता दिखाते हुए मुंबई पुलिस रिपब्लिक भारत के editor-in-chief अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार कर चुकी है ठीक उसी प्रकार उन्हें भी न्याय दिलाया जाए।
उस्मानाबाद पुलिस ने किसान को आत्महत्या के लिए उकसाने और धोखाधड़ी के आरोपों में शिवसेना के सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर और 56 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। धबले जो उस्मानाबाद के पास एक गांव के रहने वाले थे। उन्होंने दो सुसाइड नोट छोड़े थे 12 की पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर के पास है और दूसरा मतदाताओं को संबोधित करते हुए ! उन्होंने लिखा, “मिल को समय पर ऋण चुकाने में विफल रहने के बाद उनकी जमीन को तीन बार नीलाम किया गया।” उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सूखे के कारण उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। आत्महत्या करने वाले किसान की पत्नी वंदना धवले ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की है कि दिलीप ने की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार सांसद ओमप्रकाश राजे और अन्य आरोपियों को तत्काल निपटाया जाना चाहिए। उस्मानाबाद में प्रेस वार्ता करते हुए धवले के परिवार ने उनकी मौत के मामले में उनकी जांच में देरी होने का आक्रोश जाहिर किया दिलीप धवले की पत्नी बंदना धबले ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान उद्धव ठाकरे ने उन्हें इंसाफ दिलाने का वादा किया था। परिवार का कहना है कि घटना के 5 महीने बाद संबंध में 1 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।