जयपुर । कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश मे हुए लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश भर में सड़कों पर निजी वाहनों का चलना बंद सा हो गया है। जब वाहन रुके तो पर्यावरण में मौसम और प्रदूषण के हिसाब से खास बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सुबह से आसमान नीला और शाम होते ही हवा में ठंडक महसूस होने लगती है। राजधानी जयपुर में भी सभी वाहन व फैक्ट्रियां बंद हैं। लॉक डाउन के बाद लाखों की संख्या में शहर की सड़कों पर दिन रात चलने वाले वाहनों का अचानक रुक जाने से वायु और ध्वनि प्रदूषण रुक सा गया है जिससे वातावरण बेहतर हो गया है।
जयपुर शहर ही नहीं बल्कि भिवाड़ी अलवर सहित अन्य प्रमुख जगहों पर हर प्रकार के उद्योग बंद हैं। वाहनों के पहिये थमे हुए हैं। सिर्फ जरूरी सामानों को लाने-ले जाने के वाले वाहनों को सड़क पर उतरने की इजाज़त दी गई है। इससे मौसम में बदलाव साफ देखने को मिल रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के वैज्ञानिक राज शर्मा ने बताया कि लगभग दस साल बाद लोगों ने नीले आसमान का नजारा देखा है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते प्रदूषण से मौसम बेहाल हो गया था तो वहीं इस लॉकडाउन से बदलाव देखने को मिल रहा है। लोग सडक़ों पर कम निकल रहे हैं और गाडिय़ों से निकलने वाले धुएं का स्तर कम हुआ है।
मार्च की शुरुआत में प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर पुअर, मोडरेट से संतोषजनक और बेहतर श्रेणी में आ गया है। भिवाड़ी जैसे औद्योगिक शहर में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का औसत स्तर 380 से 33 पर आ चुका है। जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, उदयपुर, पाली और भिवाडी में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। शुक्रवार को जयपुर के अधिकतम प्रदूषण का स्तर 30 एक्यूआई ही रह गया। लॉकडाउन के पहले दिन से ये बदलाव देखा गया।