कोरोना संक्रमण के चलते देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। जिसके कारण सभी तरह के उद्योग धंधे, विद्यालय, दुकानें और कार्यालयों को बंद कर दिया गया। लॉकडाउन के बीच ही धीरे-धीरे सारे प्राइवेट कॉलेज अभिभावकों से फीस की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि तीन महीने की फीस को माफ कराने के लिए अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अभिभावकों ने इस याचिका में यह भी कहा था कि फीस ना देने के कारण किसी भी बच्चे को विद्यालय से ना निकाला जाए। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेगा।
इस लॉकडाउन के बीच बहुत सारे विद्यालय लगातार अभिभावकों पर शुल्क जमा कराने का दबाव बना रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि यदि फीस जमा नहीं करेंगे तो आपकी संतान को विद्यालय से निकाल दिया जाएगा। जब कोरोना के तांडव के चलते तमाम उद्योग धंधे और सभी प्रकार के रोजगार बंद हैं, ऐसे में बहुत सारे अभिभावकों के लिए फीस जमा करना एक दुष्कर कार्य साबित हो सकता है। अभिभावकों का यह भी कहना है कि अतिरिक्त फीस वसूलने के लिए ऑनलाइन क्लासेज का नाटक चलाया जा रहा है।