कोरोना के खिलाफ कुछ ऐसी है भारत की तैयारी, अमेरिका-चीन भी रह गया पीछे, WHO भी कर चुका है तारीफ

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पूरे विश्व के सामने आज एक ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है जिससे निपटना हर किसी के लिए लगातार मुश्किल बनता जा रहा है। विश्व की जंग एक ऐसे दुश्मन से है जिसे न तो देखा जा सकता है और न ही किसी ने आज तक इसके बारे में सुना है। हम बात कर रहे है चीन से फैले कोरोना वायरस की। कोरोना वायरस आज हर किसी के लिए सबसे बड़ा सरदर्द बन चुका है। पूरे विश्व में इस समय इस खतरनाक बीमारी की चपेट में 1 लाख से भी ज्यादा लोग आ चुके है। जबकि 6000 लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत भी हो चुकी है। बड़े से बड़े देश इस वायरस के नाम से अवगत हो चुके है लेकिन किसी भी वैज्ञानिक और डॉक्टर के पास कोरोना को खत्म करने की कोई दवाई नहीं है। कई बड़े शहर इस समय लॉकडाउन है। लोगों को घर से बाहर न निकलने के निर्देश दिए गए है।

वहीं अगर भारत की बात करें तो ये वायरस यहाँ भी पैर पसार चुका है। भारत में कोरोना के 170 से भी ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ चुके है। जबकि यहां 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन अगर कोरोना से निपटने को लेकर की गयी तैयारियों की बात करें तो भारत इस समय हर संभव प्रयास कर रहा है। भारत सरकार द्वारा इन प्रयासों की तारीफ खुद WHO तक ने कर डाली है। इतना ही नहीं, अमेरिका और चीन जैसे देश भी कोरोना से निपटने को लेकर की गयी तैयारियों के मामले में भारत से पीछे रह गए।

एयरपोर्ट स्क्रीनिंग

कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में सामने आया था। उस समय अमेरिका और इटली को भी इस बात का आभास हो गया था कि अगर ये वायरस उनके यहाँ फैला तो बड़ी तबाही मच सकती है। लेकिन अमेरिका और इटली ने चीन और अन्य जगहों से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग नहीं कराई। जिससे ये वायरस अमेरिका और इटली में लगातार फैलता चला गया जबकि अगर भारत की बात करें तो भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरस को लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी।

रेस्क्यू ऑपरेशन

भारत सरकार ने हमेशा से इस बात को तवज्जो दी है कि परेशानी चाहे कितनी भी कठिन हो लेकिन विदेशों में भारतीय मूल के नागरिकों को उनकी सरकार हर हाल में रेस्क्यू करेगी। कोरोना के चलते ईरान से 234 जबकि इटली से 218 भारतीयों को वतन वापस लाया गया। बाकी देशों के मुकाबले भारत अब तक सबसे ज्यादा उड़ाने भर अपने देश के नागरिकों को रेस्क्यू कर चुका है।

आइसोलेटेड कैंप की व्यवस्था

कोरोना के संक्रमित मरीजों को आइसोलेटेड जगाहों पर रखा जा रहा है लेकिन इस वायरस के प्रकोप को देखते हुए कई बड़े देशों ने आइसोलेटेड कैंप बनाने में देरी की। वहीं भारत ने आइसोलेटेड कैंप की व्यवस्था करने में बिलकुल देरी नहीं की। इसी के चलते किसी ऑथेंटिक ऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है। आइसोलेटेड कैंप में रह रहे लोगों ने खुद सरकार द्वारा की गयी तैयारियों की तारीफ की है।

कोरोना के खिलाफ अधिक सतर्कता

कोरोना से पार पाने के लिए जरुरी था कि इस वायरस के खिलाफ अधिक सतर्कता बरती जाए। जो भारत ने काफी बेहतरीन ढंग से क़िया। सरकार द्वारा निर्देशों के बाद सोशल मीडिया से लेकर टेलीकॉम क्षेत्र तक, हर जगह कोरोना से बचाव के उपाय लोगों को बताए गए। नेताओं ने बड़े समारोह या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद कर दिया और लोगों से भी ऐसा ही करने की गुहार लगाई।

सभी मंत्रालयों ने जारी की एडवाइजरी

भारत में कोरोना के पहले मामले के आते ही भारत सरकार के सभी मंत्रालय सतर्क हो गए। हर मंत्रालय ने लोगों से घरों से बेफिजूल बाहर न आने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी तैयारियों का लगातार विस्तृत ब्योरा देकर देश को आश्वस्त करते रहे।

सैंपल टेस्टिंग में कई गुना आगे भारत

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अब तक करीब 70 हजार सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है। भारत के पास सैंपल टेस्ट करने के लिए 65 लैब हैं और सेकेंडरी टेस्ट के लिए भी 32 लैब मौजूद हैं। ये सब दिखाता है कि भारत कितनी मजबूती से कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है।

Image Source: Tweeted by @MoHFW_INDIA

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