आईआईटी रूढ़की द्वारा अप्रैल में एक पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया गया था, जिसका अब सफल परीक्षण किया जा चुका है। एम्स ऋषिकेष द्वारा किए गए परीक्षण में यह वेंटिलेटर हर पैमाने पर खरा उतरा है। इस वेंटिलेटर का नाम प्राण वायु वेंटिलेटर (Pran Vayu Ventilator) रखा गया है और यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। जल्द ही इस वेंटिलेटर का प्रयोग कोरोना मरीज़ों के उपचार के लिए किया जा सकेगा और इंजीनियर्स इसी तरह के और वेंटिलेटर्स बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
अभी तक भारत में विदेशों से वेंटिलेटर्स आयात किए जाते हैं, जिनकी कीमत 8 से 10 लाख रुपए तक होती है। लेकिन स्वेदेशी तकनीक से निर्मित इस वेंटिलेटर की कीमत मात्र 25-30 हज़ार रुपए होगी। आईआईटी रूढ़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने बताया कि एक वेबिनार के जरिए लगभग 450 से भी अधिक देश-विदेश के विशेषज्ञों के सामने यह वेंटिलेटर प्रेंजेंट किया गया और सभी ने उनके इस प्रोजेक्ट की सराहना की है। वहीं कुछ कंपनियों से इसे बड़े पैमाने पर विकसित करने की बात भी की जा रही है।
यह वेंटिलेटर बेहद पोर्टेबल है और इसे आसानी से कहीं भी फिट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इंडियन रेलवे कोच में सबसे पहले इन वेंटिलेटर्स को लगाया जाएगा। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए यह एक अच्छी खबर कही जा सकती है। देश में अब तक कोरोना के तकरीबन 5 लाख केस आ चुके हैं और 15 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के बाद अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के उपचार के लिए इन वेंटिलेटर्स का प्रयोग किया जा सकता है।