मुख्य कलाकार: के के मेनन, करन टैकर, सना खान, मेहेर विज, विपुल गुप्ता, शरद केलकर, विनय पाठक, दिव्य दत्ता, गौमती कपूर
निर्देशक: नीरज पांडे
भारत में हमेशा से ही लोगों के अंदर फिल्मों का एक अलग क्रेज़ रहा है। ऐसे लाखों लोग हैं जो अपने परिवार और दोस्तों के साथ हर वीकेंड फिल्म देखने सिनेमाघर जाया करते हैं। लेकिन देशभर में लॉकडाउन के चलते सभी सिनेमाघर बंद हो गए हैं, जिससे फिल्म प्रेमी लोग थोड़े मायूस भी हैं। लेकिन इस मुश्किल समय में आप मायूस होने की बजाय कुछ मजेदार वेब सीरिज़ देख सकते हैं। इसी महीने रिलीज़ हुई ओटीटी प्लेटफोर्म की वेब सीरीज़ ‘स्पेशल ऑप्स’ आपको घर पर बोर नहीं होने देगी। यह सीरीज़ कई मायनों में काफी शानदार, जानदार और दमदार है। इस सीरीज़ में 50-50 मिनट के कुल 8 एपिसोड हैं। सस्पेंस, थ्रील और एक्शन के शौकीन लोगों को यह सीरीज़ बेहद पसंद आ रही है।
कहानी
इस सीरीज़ की कहानी आपको काफी हद तक अमेज़ॉन प्राइम की वेब सीरीज़ ‘द फैमिली मैन’ की याद दिला देगी। रॉ एजेंट हिम्मत सिंह (के के मेनन) अपने परिवार और जॉब के बीच बैलेंस बनाकर सबकुछ बहुत बखूबी संभालता है। सीरीज़ की कहानी 2001 में भारत में हुए संसद हमले से शुरू होती है। सभी को लगता है कि उस हमले में कुल 5 लोग शामिल थे, जो मौके पर ही ढेर कर दिए गए थे। लेकिन हिम्मत सिंह इकलौते ऐसे अधिकारी होते हैं, जो ये कहते हैं कि हमले में 5 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे। हिम्मत की इस बात पर कोई विश्वास नहीं करता, लेकिन वह उस छठे व्यक्ति की तलाश में पूरी ताकत लगा देता है।
उस छठे व्यक्ति को ढूंढने के लिए हिम्मत अपनी खुद की एक टीम तैयार करता है जो अरब और दुबई जैसे देशों में रह रहे होते हैं। हिम्मत सिंह भारत से फारूख अली (करन टैकर) को सीक्रेट मिशन पर भेजता है। सीक्रेट मिशन के दौरान फारूख सारी डिटेल्स हिम्मत के साथ शेयर करता है। हिम्मत और उसकी पूरी टीम मिलकर किसी भी हालत में छठे व्यक्ति को ढूंढ कर खत्म करना चाहते हैं। क्या रॉ एजेंट हिम्मत सिंह अपने इस प्लान में कामयाब हो पाता है? कैसे वह सबको यकीन दिला पाता है कि संसद हमले में पाँच नहीं बल्कि छहः लोग शामिल थे? इन सवालों के जवाब तो आपको सीरीज़ के आठों एपिसोड देखने के बाद ही मिलेगा।
निर्देशन
इस फिल्म का निर्देशन बेबी और हॉलीडे जैसी फिल्मों का डायरेक्ट कर चुके निर्देशक नीरज पांडे ने किया है। अपनी पहली वेब सीरीज़ में ही नीरज ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने सीरीज़ को इस तरह से डायरेक्ट किया है कि यदि आप एक बार सीरीज़ देखने बैठ गए तो पूरी सीरीज़ देखे बगैर आप अपनी जगह से हिलेंगे तक नहीं। फिल्म में उन्होंने फैमिली, इमोशन्स, सस्पेंस, थ्रील और एक्शन समेत हर चीज का बेलेन्स बना कर रखा है। पूरी सीरीज़ में कोई सीन ऐसा नहीं है जो फिज़ूल में या केवल लंबाई बढ़ाने के लिए डाला गया है। सीरीज़ की थीम को देखते हुए नीरज ने इसमें कोई गाना ना डालना ही बेहतर समझा है।
एक्टिंग
पूरी सीरीज़ में दो लोगों की एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी। पहला है सीरीज़ के लीड कैरेक्टर हिम्मत सिंह, जिसका किरदार निभाया है के के मेनन ने। उन्होंने साबित कर दिया कि एक रॉ एजेंट की भूमिका में उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता था। वे बहुत कम बोलकर ही अपनी बात सामने वाले व्यक्ति तक पहुँचा देते हैं। अपने छोटे-छोटे डायलोग्स के बीच में वे जब गालियां देते हैं तो वह वाकई शानदार लगती हैं। इसके अलावा दूसरा किरदार जो आपको याद रहेगा वह है फारुख अली यानी करन टैकर का। उन्होंने सीरीज़ में कई बार अपनी पहचान बदली है। कभी फारूख से अमजत तो कभी राशिद, लेकिन इन सब के बावजूद सीरीज़ में आपको कोई कन्फ्यूज़न महसूस नहीं होगी। इसके अलावा विनय पाठक, मेहर विज, दिव्य दत्ता जैसे सभी अन्य कलाकार ने भी अच्छा काम किया है।
क्या है सीरीज़ की खासियत
एक वेब सीरीज़ में दर्शक जो कुछ ढूंढने की कोशिश करते हैं, वह सबकुछ आपको इसमें मिलेगा। सीरीज़ में आपको 2008 मुंबई हमले में पकड़ा गया अजमल कसाब भी दिखाई देगा, तो नोटबंदी के दौरान दिया हुआ नरेंद्र मोदी का भाषण भी सुनाई देगा। एक वेब सीरीज़ की खासियत यही होती है कि हर एपिसोड में कुछ पत्ते खुलते जायें और दर्शकों को अपने साथ अंत तक बांधे रखने में कामयाब हो सकें। इन दोनों ही पहलुओं पर ये वेब सीरीज़ खरी उतरी है। कोरोनावायरस के चलते आप घर पर बैठकर आराम से इस सीरीज़ का लुत्फ उठा सकते हैं।
Image Source: Tweeted by @tiscatime