कुछ दिनों की खामोशी के बाद महाराष्ट्र में अब एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियां प्रारंभ हो चुकी है। महाराष्ट्र में मंदिर ना खोलने को लेकर महाराष्ट्र के साधु संत और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है, “यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्टोरेंट खोल दिए हैं। लेकिन मंदिर नहीं खोले गए। ऐसा न करने के लिए क्या आपको देवीय आदेश मिला या अचानक से सेकुलर हो गये?” वहीं इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने लिखा, “जैसे तुरंत लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं था वहीं से ही तुरंत इसे हटाना ठीक नहीं है और हां मैं हिंदुत्व को मानता हूं मुझे आपसे हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।”
उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के जवाब में लिखा, “महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ संक्रमण के बढ़ते मामलों पर भी ध्यान रखना चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करते हैं उनका स्वागत करना, मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा!”
वहीं राज्य भर में लगातार मंदिरों को खोलने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। धार्मिक नेताओं और श्रद्धालुओं ने शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास समिति सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ घंटों तक उपवास रखने का भी निर्णय लिया है। मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे प्रसाद लाड ने कहा, ” हम मांग कर रहे हैं कि हमें सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश करने दिया जाए। अगर वह हमें प्रदेश करने नहीं देते तो हम मंदिर में घुसने के लिए अपना रास्ता स्वयं बना लेंगे। ये आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में हो रहा है क्योंकि हम चाहते हैं कि राज्य के सभी मंदिरों को खोला जाए। ” वहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है, “उद्धव ठाकरे ने बार और रेस्टोरेंट को खोलने की अनुमति दी है। लेकिन मंदिरों को खोलने का निर्णय नहीं लिया जबकि लाखों लोग चाहते हैं कि मंदिर खुलें। हमारे कार्यकर्ता मंदिरों को खुलवाने के लिए उपवास करेंगे।”
वहीं इस मामले पर अब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है, “कोरोना से बचने के लिए महा विकास आघाडी सरकार मेरा परिवार मेरे जिम्मेदारी योजना चला रही है। हम महाराष्ट्र के लोगों को 2 गज की दूरी का महत्व समझाने के लिए एक प्रभावी योजना बना रहे हैं। ऐसे में राज्यपाल का मीडिया के माध्यम से एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने सीएम से धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग की है। जैसा कि आप जानते हैं कि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थल हैं जहां लोगों का भारी जमावड़ा होता है मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर, भगवान विट्ठल मंदिर, शिरडी के साईं बाबा और अन्य धार्मिक स्थलों में पूजा स्थलों पर सामान्य दिनों में भी भारी भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी जगहों पर लोगों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखना लगभग असंभव है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पूजा स्थलों को खोलने के संबंध में निर्णय लेने की कोशिश की है।”
अपने पत्र में शरद पवार ने लिखा, “राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार या राय रह सकते हैं। मैं मुख्यमंत्री को उनके विचारों से अवगत कराने के लिए राज्यपाल की सराहना करता हूं। लेकिन मैं मीडिया को जारी राज्यपाल के पत्र और पत्र में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को देखकर हैरान हुँ।”