देश के कुल 8 राज्यों में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। इस राज्य के लोगों तथा राज्य के प्रशासन ने कोरोनावायरस को हल्के में लेते हुए अपनी व्यवस्थाओं को चलाया जिस कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। मास्क तथा सैनिटाइजर का कम प्रयोग आज की स्थिति के लिए जिम्मेदार है।नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं किए जाने से स्थिति बिगड़ी है और स्थिति ठीक वैसी ही होती जा रही है, जैसी क्रिसमस के बाद ब्रिटेन में देखने को मिली थी। कोरोना के बढ़ते प्रभाव से संबंधित कुछ सवाल जब रणदीप से किए गए तो उन्होंने कुछ इस तरह के जवाब दिए।
प्रश्न: कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है, कुछ राज्यों में स्थिति चिंताजनक है। एक बार संक्रमण के मामले घटने के बाद आई तेजी को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर :कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के बाद लोग सोचने लगे कि कोविड खत्म हो गया है और टीकाकरण शुरू होने के बाद लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई। मास्क लगाने, भीड़ एकत्र नहीं करने, दो गज की दूरी बनाए रखने जैसे कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी की जाने लगी। टीका आने के बाद तो लोग सोचने लगे कि अब सब ठीक हो गया है। इससे संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे।
प्रश्न :कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कितनी प्रभावी है? क्या इसमें वायरस के किसी प्रभावी स्वरूप की कोई भूमिका सामने आई है?
उत्तर : डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि वायरस का स्वरूप लगातार बदल रहा है यह भी नहीं कहा जा सकता कि अगले स्वरूप में वायरस कितना खतरनाक होगा? वायरस का कोई नया स्वरूप ऐसे महौल में आए जहां कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा हो, तब वह काफी तेजी से फैलता है। ऐसी ही स्थिति इस बार देखने को मिली है। इस बार संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और यह चिंता का विषय है। देश में जिस प्रकार कोरोना के आंकड़े एक बार फिर बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसी आशंका है कि वायरस का कोई ऐसा स्वरूप प्रवेश कर गया हो जो और तेजी से फैल रहा है। ये ठीक ऐसी ही स्थिति दिख रही है जैसी क्रिसमस के बाद ब्रिटेन में सामने आई थी।
प्रश्न: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए क्या फिर से लॉकडाउन लगाना व्यावहारिक रहेगा?
उत्तर : जिन स्थानों पर कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, वहां छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाना या उस इलाके में ‘मिनी लॉकडाउन लगाना बेहतर रहेगा। इन क्षेत्रों में इस बात पर ध्यान देना होगा कि कोई वहां से बाहर नहीं निकले और न ही कोई अंदर जाए। यह स्थिति दो हफ्ते तक बनाकर रखनी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी लोग प्रभावित इलाकों से दूसरे क्षेत्रों में जा रहे हैं और संक्रमण फैल रहा है।
प्रश्न: क्या वर्तमान स्थिति कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का चरमोत्कर्ष है?
उत्तर:वर्तमान स्थिति को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का ‘पीक’ नहीं कहा जा सकता। अभी कुछ और समय लगेगा। अभी मामले बढ़ेंगे। ऐसे में लोगों को दो गज की दूरी बनाए रखनी चाहिए और हर समय मास्क पहनना चाहिए।