2020 में मोदी सरकार के कुछ अहम् जनकल्याणकारी फैसले

2020 के समापन में अब महज थोड़ा सा ही समय बचा है और इस साल को लोग ता-उम्र याद रखेंगे क्योंकि इस पूरे साल को लोगों ने कोरोना महामारी के डर के साये में बिताया है। इसी बेहद संकट से भरे समय में भी मोदी सरकार ने कुछ अहम् फैसले लिए और कई जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की।

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देश में कोरोना महामारी और लॉक डाउन के बीच आम लोगों की समस्या को देखते हुए मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कुछ अहम् फैसले लिए हैं जो की गरीब तबके के लोगों को ध्यान में रख कर लिया गया हैं। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का विपक्षी पार्टियों द्वारा जोरदार विरोध भी हुआ है लेकिन केंद्र सरकार कभी भी अपने फैसले से पीछे नहीं हटी और अपने फैसले पर सैदव अडिग रही। तो आइये हम आपको बताते हैं 2020 में मोदी सरकार द्वारा लिए गए कुछ बड़े जनकल्याणकारी फैसलो के बारे में :

आत्मनिर्भर भारत

चीन के वुहान से पुरे विश्व में दहसत फ़ैलाने वाले कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट में तब्दील होने के बाद मोदी सरकार द्वारा अचानक लॉक डाउन लगाने के फैसले ने सबको अचंबित कर दिया था और कई लोग इस फैसले की नींदा करते हुए नज़र आ रहे थे। इस लॉक डाउन का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा लेकिन मोदी सरकार ने इस चुनौती को स्वीकारा और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की। आत्मनिर्भर भारत योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत कि होनी चाहिए और यह हमारा सपना नहीं बल्कि जिम्मेदारी होनी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में भारत विश्व का सिरमौर बन कर उभरे।

नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन कानून भी भारत सरकार द्वारा 2020 में लिए गए बड़े फैसलों में से एक है। नागरिकता संशोधन कानून को 10 जनवरी 2020 को केंद्र सरकार द्वारा देश में जारी किया गया था हलाकि इस बिल का विरोध विपक्ष ने पुरजोर तरीके से किया था। इस कानून का विरोध देश के कई हिस्सों में किया गया था और कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भी इस बिल के विरोध में सड़क पर उतर कर आंदोलन किया, हालाँकि इस आंदोलन का कोई भी असर केंद्र सरकार पर नहीं पड़ा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री तक ने लोगों को समझाया की इस कानून के आने के बाद देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जायेगी।

एक राष्ट्र और एक राशन कार्ड

लोकसभा के चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार ने एक बड़ा और अहम् फैसला लेते हुए एक राष्ट्र और एक राशन कार्ड योजना को लागू किया। इस योजना के बाद देश के गरीब तबके के लोग एक ही राशन कार्ड पर देश के किसी भी हिस्से में उचित दाम पर राशन ले सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत 1 जून 2020 से की गयी थी।

बड़े बैंको का विलय

केंद्र में विराजमान मोदी सरकार ने 10 सरकारी बैंको का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने का एलान किया। इस फैसले के बाद मोदी सरकार की तरफ से कहा गया कि बैंको के विलय से बढ़ते हुए NPA से राहत मिलेगी और लोगों के ऊपर से क़र्ज़ का बोझ काम होगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने के लिए शुरू की गई। इस योजना का ऐलान कोरोना संकट के मद्देनजर गरीबों की मदद के लिए मार्च 2020 में किया गया था। ये एक कल्याणकारी योजना है। दरअसल, कोरोना को नियंत्रण में रखने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से गरीब वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ। जिसके चलते सरकार ने अपनी तरफ से गरीबों को फ्री राशन देने के लिए ये योजना शुरू की थी। इस लाभकारी योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से जरूरतमंदों को राशन दिया जाता है।

घर तक फाइबर योजना

नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लाई गई “घर तक फाइबर योजना” साल 2020 की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत शहर से दूर गाँव में रहने वाले लोगों को घर-घर हाई स्पीड इन्टरनेट सुविधा मिलेगी। योजना की शुरुआत अभी बिहार राज्य से हुई है, मोदी जी ने बताया है कि बिहार का हर गाँव अब इन्टरनेट से जुड़ेगा, गाँव के लोग शहर के लोगों से ज्यादा इन्टरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगें।

Collateral Free loan

इस योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज MSME को दिया जाएगा, जिसके लिए इन इकाइयों को कुछ भी बैंक के पास गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होगी। 3 लाख करोड़ रुपये के इस कर्ज़ के लिए भारत सरकार, बैंक को 100% गारंटी देगी। इस योजना के तहत 45 लाख MSME को फायदा होगा। ये कर्ज़ 31 अक्टूबर 2020 तक लिए जा सकेंगे। इस कर्ज़ 4 साल के लिए दिया जाएगा। इस योजना के तहत कर्ज़ को लेने वाली MSME को पहले साल मूलधन (प्रिंसिपल) देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

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