जब भी हमारे देश में महिलाओं पर अत्याचार होते हैं तब हम लोग यह कहते हैं कि देश किस दिशा में जा रहा है। लेकिन हम लोग कभी भी अपने आसपास हो रही घटनाओं को नहीं देखते। अगर हम बिना किसी राजनीतिक कोण के कंगना और संजय के बीच के विवाद को देखे तो आप जान सकते हैं कि कंगना के लिए संजय राऊत ने किस भाषा का प्रयोग किया था? किसी भी महिला के लिए इस प्रकार की भाषा का उपयोग करना ना तो उचित है और ना ही स्वीकार है। लेकिन जिस बात पर संजय राऊत की पार्टी शिवसेना को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने चाहिए थी उसकी बजाय शिवसेना ने संजय राऊत का प्रमोशन कर दिया।
संजय राऊत शिव सेना के मुख्य प्रवक्ता नियुक्त हुए हैं। इसके अलावा शिवसेना के 10 अन्य प्रवक्ताओं को भी नियुक्त किया गया है जिसमें सांसद अरविंद सावंत, प्रियंका चतुर्वेदी, धीरशिल माने, महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब उदय सामंत और गुलाबराव पाटिल विधायक नीलम गोरे, प्रताप सरनाईक और सुनील प्रभु आदि शामिल है। दरअसल पूरा मामला यह है कंगना रनौत ने मुंबई को पाक अधिकृत कश्मीर कहा था जिसके बाद संजय राउत और कंगना के बीच विवाद बढ़ गया और कंगना के खिलाफ संजय राऊत ने हरामखोर शब्द का प्रयोग किया। सोमवार को ही गृह मंत्रालय की ओर से कंगना रनौत को वाई श्रेणी की सिक्योरिटी प्रदान की गई। कंगना की मुंबई लौटने से पहले ही कंगना के ऑफिस पर बीएमसी ने छापा मार दिया जिसके बाद कंगना काफी निराश दिखाई दे रही हैं।