भारत में बहुत सारे ऐसे नेता हैं जो अपनी विवादित बयानों और विवादित भाषा के कारण जाने जाते हैं। जिनमें एक प्रमुख नेता हैं रांकपा प्रमुख शरद पवार। इस समय शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस तथा शिवसेना के बीच गठबंधन है जिस के मुख्यमंत्री हैं उद्धव ठाकरे। शरद पवार से जब राम मंदिर निर्माण के बारे में सवाल किया गया तो शरद पवार ने उसके जवाब में एक ऐसी बात कही जो विवादित मानी जा रही है। उन्होंने कहा, “कोविड-19 का उन्मूलन महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर का निर्माण करने से इस पर काबू पाने में मदद मिलेगी।”
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इस मामले पर दक्षिण मुंबई से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “शिवसेना के सभी लोगों के आराध्य भगवान श्रीराम हैं और मंदिर निर्माण में शिवसेना की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने से पहले श्री राम लला के दर्शन किए थे। इसीलिए शिवसेना इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं करेगी।” गौरतलब है कि शिवसेना, रांकपा और कांग्रेस की महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार है। सावंत ने आगे कहा कि लोगों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना और उन्हें सुरक्षा प्रदान करना शिवसेना राज्य सरकार की प्राथमिकताएं हैं, जो रामराज्य की अवधारणा है।
मंदिर शिला को की जाएगी 40 किलो चांदी अर्पित
श्री राम मंदिर के भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी राम मंदिर की शिला को अर्पित करेंगे। सूत्रों के अनुसार अगले महीने श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो सकता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।