2020 विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ इतिहास रच कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। ये हम नहीं कह रहें, बल्कि कोरोना काल में दिल्ली की दुर्दशा और सरकार की खोखली व्यवस्था खुद बयाँ कर रही हैं।
दिल्ली में कोरोना की स्थिति हर दिन के साथ बिगड़ी जा रही है लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मानो राज्य की जनता को मौत के हवाले कर दिया है। अब राज्य की जनता खुद इस बात को सोचने पर मजबूर है कि उन्होंने कहीं केजरीवाल सरकार को चुन कर सबसे बड़ी गलती तो नहीं कर दी?
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लोग सोशल मीडिया पर राज्य के अस्पतालों के हालात खुद बयां कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने वोट देकर अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता की चाबी सौंपी थी। कोई अस्पतालों के भयानक मंजर को दिखा रहा है तो कोई शवगृह को देख कर अपना दर्द बयां कर रहा है। कोरोना के संक्रमण को फैले 4 महीने का समय बीत चुका है लेकिन दिल्ली सरकार को अभी तक ये समझ नहीं आ रहा कि स्थिति किस तरफ जा रही है।
दिल्ली के अस्पतालों में न तो बेड है और न इलाज़ के लिए जरुरी सुविधा। लेकिन स्थिति को नियंत्रण करने की बजाय दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम पुराना हथकंडा अपनाते हुए इसका दोष केंद्र सरकार पर थोप रहे हैं। यही कारण है कि राजधानी में बिगड़ते हालातों को देखते हुए खुद सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में अस्पतालों की हालत खराब है और सरकार गृह मंत्रालय की किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है।
‘डेथ बॉडीज’ देख खुद SC भी परेशान
दिल्ली में इस समय कोरोना के शवों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, इस पर खुद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है। SC का कहना है कि जो स्थिति दिल्ली में है, वह काफी भयानक और डरावनी हैं। सुनवाई के दौरान SC ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा है कि कोरोना के चलते हुई मौत के बाद मरीजों के परिजनों को इसकी सूचना तक नहीं दी जा रही है। कई परिजन तो अपने मरीज के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए। इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाबदेही दाखिल करने के लिए कहा है।
बेड खाली होने पर भी क्यों नहीं हो रहा इलाज?-SC
कुछ दिनों से लगातार मरीज वीडियो के जरिए बता रहें हैं कि उनके साथ अस्पतालों में किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है। इसी का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में मरीज रो रहे हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। दिल्ली में अभी 2000 बेड खाली है लेकिन मरीजों का इलाज क्यों नहीं किया जा रहा? ये बहुत ही दुखदायी स्थिति है। राज्य की ड्यूटी है कि वह टेस्टिंग को बढ़ाए।
रौंगटे खड़े कर देने वाला है दिल्ली के अस्पतालों का मंजर
दिल्ली में अस्पतालों की मौजूदा स्थिति कुछ ऐसी है कि किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं। हाल ही में दिल्ली के LNJP अस्पताल की एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह हर वार्ड में, बेड के नीचे, फर्श पर और जिंदा मरीजों के बीच शवों को रखा गया है। ये हाल इस समय लगभग दिल्ली के हर अस्पताल का है। हालांकि अभी भी केजरीवाल सरकार लगातार बयान दे रही है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 4 कदम आगे है।