हम आपको बता दें लगातार फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता भारत का शीश झुकाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान का साथ देकर भारतीय सैनिकों से दगाबाजी करने का इनका पुराना इतिहास रहा है और अब यह चाहते हैं कि चीन की मदद से कश्मीर में दोबारा धारा 370 को लागू किया जाये। इसी मामले पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के बयान दिया है।जिसमें उन्होंने कहा है, “वे चाहें तो पाकिस्तान में जाकर अनुच्छेद 370 लगवा सकते हैं। हिंदुस्तान में अनुच्छेद 370 और धारा 35a के लिए कोई जगह नहीं है।” फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा था, “राज्य को पहले जो अधिकार मिल रहे थे। उन अधिकारों की जब तक वापसी नहीं होगी। तब तक वे मरेंगे नहीं!…” जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले संविधान 370 को पिछली साल केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया था और जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख 2 केंद्र शासित राज्य बना दिए थे।
शुक्रवार को फारूक अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी यह कहा था, ” हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा। हालात के कारण हम PAGD के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं।” उन्होंने कहा है, “अनुच्छेद 370 अनुच्छेद 35a को फिर से बहाल करने तथा काले कानूनों को समाप्त कराने के लिए सभी दलों ने हाथ मिला लिया है!”
हम आपको बता दें भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना जब एकता सरकार में थी और दोनों पार्टियां एनडीए के गठबंधन में आती थी। तब शिवसेना ने हमेशा से ही कश्मीर से धारा 370 को हटाने के पक्ष में बयानवाजी की थी और वह हमेशा धारा 370 की हटाने के पक्ष में रहे थे। अब जबकि जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त हो गई है लेकिन शिवसेना और भाजपा के बीच में दरार आ चुकी है। उसके बावजूद भी शिवसेना का यह मानना है कि कश्मीर से धारा 370 हटना एक ऐतिहासिक कदम है और वह दोबारा धारा 370 को लागू नहीं किया जाना चाहिए।