भारत-चीन विवाद के बाद आज रूस भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग हुई। यह वर्चुअल मीटिंग नाजियों पर रूस की विजय के 75 साल पूरे होने पर की गई। इस मीटिंग को भारत और चीन के विवाद को सुलझाने के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा था। इस मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना हो या फिर सहयोगियों के हितों का ध्यान रखते हुए दुनिया की अगुवाई करने वाले देशों को हर तरह से मिसाल पेश करने वाला होना चाहिए। “इस वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री ने की। इस वर्चुअल मीटिंग में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरॉव ने भारत और चीन के बीच हुई झड़प के बाद चीन और भारत के बीच मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, “भारत और चीन को किसी भी प्रकार की बाहरी मदद की आवश्यकता नहीं है। जब देश का मामला हो तो उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं चाहिए। हाल ही की घटनाओं के बारे में मैं कहना चाहता हूं चीन और भारत यह स्वयं सुलझा लेंगे।”
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में रूस देगा भारत की स्थाई दावेदारी को मजबूत
रूस के विदेशमंत्री ने भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव ठुकराया। लेकिन उसके पश्चात कहा कि भारत राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने की योग्य देश है। वह एक मजबूत देश है और हम उसे अपना समर्थन देते हैं। इस वर्चुअल मीटिंग में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरॉव, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए। आखरी बार भारत रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक 2017 में बुलंदशहर में हुई थी और उस समय भारत की विदेश मंत्री स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज जी थी।