नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को हुए प्रेस कांफ्रेंस में कई बड़े फैसले लिए हैं। इस प्रेस लाइव कांफ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मांग में कमी के कारण निवेश में भी भारी कमी आई है। अप्रैल में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 60 फीसद तक गिरा है। साल 2021 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है। अप्रैल में खाद्य महंगाई दर में तेज उछाल आया है। यह 8.6 फीसद रही है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोविड-19 से निजी खपत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। उन मौजूदा हालातों में एग्रीकल्चर से काफी उम्मीदें हैं। कोरोना वायरस का सबसे बड़ा असर निजी खपत पर पड़ेगा। दास ने कहा, ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई है। वैश्विक कारोबार के मूल्य में इस वर्ष 13-32 फीसद की कमी आ सकती है।
RBI गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट घटाने के लिए सहमत हुए हैं। सहमति बनने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती कर दी है। वहीं रिवर्स रेपो रेट को भारतीय रिजर्व बैंक ने 3.75 फीसद से घटा कर 3.35 फीसद पर कर दिया है।
आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का विस्तृत ब्यौरा दिया था। इस आर्थिक पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसके बाद अब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास लाइव प्रेस कांफ्रेंस के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई अहम फैसले लेते दिख रहे हैं।