केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन में यह साफ किया गया है कि कोरोना पेशेंट द्वारा उपयोग की गई हर चीज कोविड वेस्ट नहीं है। लेकिन उसके बावजूद भी देश के अलग-अलग हिस्सों में केवल सितंबर महीने में 5500 टन कोविड वेस्ट निकला है। 3 महीने पहले के ड्राइवर ने फ्रांस के समुद्र तट के पास डिस्पोजल, मास्क निकाले थे। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में अब तक कोरोनावायरस के 15 लाख मामले आए हैं। यहां पिछले 4 महीने में 3587 टन कोविड वेस्ट निकला है। यहां जून में 514 टन, जुलाई में 1180, अगस्त में 1359 टन तथा सितंबर में 524 टन कोविड वेस्ट निकला था। देश की राजधानी दिल्ली में जून में यह आंकड़ा 332 टन और जुलाई में 389 तथा अगस्त में 296 सितंबर में 382 टन हो गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया भर में हर महीने कोरोना से बचने के लिए मेडिकल स्टाफ को करीब 8 करोड़ गोगल,16 लाख मेडिकल ट्रेवल्स के साथ नौ करोड़ मेडिकल मास्क की आवश्यकता पड़ती है। महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार लगातार बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत शून्य दिखाई दे रही है। संक्रमण के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में दिखाई दिए थे उसके बाद पूरे भारत में इसका प्रसार हुआ। सड़कों पर कोविड के बेस्ट से संक्रमण और तेजी के साथ फ़ैल सकता है। इस वेस्ट को गाय, बंदर, बकरी तथा कुत्ते कहा सकते हैं जिससे ये कम होने की बजाय और तेजी से बढ़ सकता है। अगर महाराष्ट्र सरकार ने इस पर कोई सही कदम नहीं उठाया तो यह मुंबई के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।