कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार भारत में विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्षियों के बहकावे में आकर हमारे देश के बहुत सारे लोग रिलायंस जिओ के टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं या यूं कहिए स्वदेशी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब इस मामले पर रिलायंस ने बयान जारी किया है कि हमारा कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग से कोई भी लेना देना नहीं है। इसके अलावा कंपनी ने राज्य सरकार से इस मामले में नोटिस लेने की अपील भी की है। हम आपको बता दें अब तक विरोध प्रदर्शनों के चलते पंजाब में कम से कम 1500 रिलायंस जिओ के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है।
- कंपनी का कहना है रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड,रिलायंस जिओ इन्फोकॉम लिमिटेड तथा रिलायंस से जुड़ी हुई कोई भी कंपनी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नहीं करती है,iऔर ना ही करवाती है। रिलायंस कंपनी का भविष्य में भी इस क्षेत्र में उतरने का कोई विचार नहीं है।
- कॉन्ट्रैक्ट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए रिलायंस अथवा रिलायंस से संबंधी किसी भी कंपनी ने कोई भी जमीन ना तो हरियाणा में खरीदी है और ना ही पंजाब में। ना ही भविष्य में ऐसा करने की हमारी कोई भी योजना है।
- 130 करोड़ देशवासियों के पेट भरने का काम अन्नदाता करते हैं हम उनका सम्मान करते हैं। रिलायंस तथा उनके सहयोगी किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसीलिए कंपनी और कंपनी के सहायक किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिले इसका हम समर्थन करते हैं। रिलायंस स्थाई आधार पर किसानों की आय में परिवर्तन करना चाहता है। और इस लक्ष्य पर काम करने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
रिलायंस जियो ने अपना बयान जारी करते हुए बताया है कि हमारे टॉवर्स को तोड़ने में हमारे प्रतिद्वंद्वियों का भी हाथ है। कंपनी ने दूरसंचार विभाग से भी इसकी शिकायत कर दी है। हालांकि कंपनी ने किसी भी प्रतिद्वंदी कंपनी का नाम नहीं लिया है। वहीं दूसरी तरफ वोडाफोन आइडिया एयरटेल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।