कोरोना के बढ़ते मरीज केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार, सभी के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। ऐसे में हर राज्य सरकार इससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई है। बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक तीन सदस्य टीम बिहार भेजने का फ़ैसला किया है। केंद्र सरकार की इस तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल करेंगे और टीम रविवार को पटना पहुंचेगी। पिछले कुछ दिनों से हर दिन दस हज़ार से अधिक टेस्टिंग करने वाले बिहार में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या दस से तेरह प्रतिशत है। मौजूदा समय में बिहार में इस महामारी से लड़ने की पूर्ण व्यवस्था नहीं है।
यहां पर संक्रमितों की संख्या ठीक होने वाले मरीजों की तुलना में बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर कोविड-19 के रोकथाम के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की पैनी नजर बिहार के स्थिति पर है। यहां के आला अधिकारी लगातार संपर्क में रहते हैं। मौजूदा स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक टीम बिहार पहुंच चुकी है। दूसरी उच्च स्तरीय टीम का गठन कर दिया गया है, जो रविवार को पहुंचेगी। यह टीम रविवार की सुबह संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में पहुंचेगी। इस टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉक्टर एस के सिंह, एम्स मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल शामिल हैं। अश्विनी चौबे ने कहा कि केंद्र द्वारा हर संभव मदद बिहार को उपलब्ध कराई जा रही है। बिहार सरकार काफी गंभीर है। कोरोना को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
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बिहार वासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मौजूदा समय में डरे नहीं, बल्कि धैर्य और संयम के साथ दिशा निर्देशों का पालन करें, जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने जारी किए हैं। आपको बता दे कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो अपने परिवार के एक सदस्य के संक्रमित होने के बाद ख़ुद से आइसोलेशन में चले गए हैं। उन्होंने अब निर्देश दिया है कि बिहार में आइसोलेशन सीटों की संख्या बढ़ायी जाए इसके लिए सभी नर्सिंग स्कूलों और कॉलेजों में भी बेड लगाकर वहां विशेष वॉर्ड बनाया जाएं। गौरतलब है कि इससे पूर्व बिहार के BJP दफ्तर में 85 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की खबर से बिहार की सियासी राजनीति गरमा गई थी। जिसके पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री ने उन पर निशाना साधा था। इस साल के अंत मे बिहार में विधानसभा चुनाव भी होना है। जिसे देखते हुए हर पार्टी का ध्यान अपने वोट बैंक को मजबूत करना औऱ जनता को अपनी तरफ लुभाना है।