देश एक तरफ कोरोनावायरस से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश के लोगों को अब ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ने लगी है। बदलते हुए समाज और वातावरण में मनुष्य इतना बदलाव क्यों उसने पेड़ पौधों को काटकर वहां पर रहने के लिए मकान बना लिए, और आज संकट का समय जब सामने आया है तो वह ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है! वास्तव में जब व्यक्ति प्रकृति का दोहन करने लगता है तब प्रकृति भी अपना असली रूप दिखाई देती है। आज प्रतिदिन बहुत सारे लोगों की मौत केवल इसी कारण हो रही है क्योंकि उन्हें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल रही। कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि देश में ऑक्सीजन की कमी है तो कई लोगों का मानना है कि ऑक्सीजन ब्लैक हो रही है इसीलिए जिनको इसकी आवश्यकता है वहां तक की ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही।
उत्तर प्रदेश में इसी कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने यह ऐलान कर दिया है कि राज्य में जो भी व्यक्ति ऑक्सीजन की कालाबाजारी करेगा उस पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।वहीं उन्होंने अपनी टीम को निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन चोरी ऐसे मामलों में ध्यान से जांच पड़ताल की जाए।
ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले जाएंगे जेल
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि कालाबाजारी और गड़बड़ी की हर शिकायत पर कठोर कार्रवाई होगी। ऑक्सीजन की कालाबाजारी या ऑक्सीजन सिलेंडरों की जमाखोरी जैसी शिकायतों को पूरी गंभीरता से लेकर जांच कर कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर व जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी के मामले में 51 मुकदमे दर्ज कर 118 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। यह अभियान जारी है। गंभीर मामलों में रासुका भी लगाया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि अब तक प्रदेश के 38 बड़े संस्थानों में ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट कराया जा चुका है। यह काम निरंतर चल रहा है। पूरा प्रयास है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो। जहां मरीज की संख्या के अनुपात से अधिक ऑक्सीजन ली जा रही है, उनकी जांच-पड़ताल कराई जा रही है।