कहा जाता है कि प्रकृति जैसे स्थान पर अपना प्रकोप दिखा देती है वहां पर मनुष्य का रहना असंभव हो जाता है, तथा वहीं जहां प्रकृति को उचित सम्मान और स्थान मिलता है वहां मनुष्य पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना जीवन यापन करता है। झारखंड की राजधानी रांची देश की सबसे कम हरियाली वाली राजधानी बन चुकी है। इस महानगर में रहने वाले लोग अपनी राजधानी पर लगे इस धब्बे को मिटाने के लिए अगले 1 साल में 3 लाख पौधे लगाने की प्रतिज्ञा कर चुके हैं। रांची के सीसीएफ सिद्धार्थ त्रिपाठी ने दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में कहा है कि 5 वर्षों में रांची को बेहतरीन राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।पहले साल में रांची के नगर निगम में आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों में वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके बाद शहर के सभी सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाए जाएंगे। उनका कहना है कि यदि जनता इस अभियान में भागीदार हो गई तो हम जल्द ही अपनी राजधानी को हरियाली युक्त कर देंगे।
आपको बता दें रांची में हरियाली की स्थिति देखने आए जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट को यहां पर पेड़ दिखाई ही नहीं दिए। एक्सपर्ट के अनुसार महानगर के मुख्य इलाकों से हरियाली पूरी तरह साफ हो चुकी है, पेड़ पौधों का नामो निशान नहीं है। हरियाली मैपिंग करने में हमें बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वास्तव में अगर इस नगर के आम जनमानस से लेकर सभी प्रबुद्ध लोग एक साथ लक्ष्य को पूरा करने की ओर एक कदम उठाएंगे। तो निश्चित रूप से अगले एक से डेढ़ साल के भीतर यह महानगर हरियाली से युक्त हो जाएगा। एक्सपर्ट भी ऐसा मानते हैं कि वर्तमान में वर्षा के कारण लगाए गए वृक्ष ज्यादा समय तक और जल्दी वृद्धि करते हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या आने वाले समय में रांची हरियाली युक्त होगी या स्थितियाँ वही रहेंगी?