शिवराज की राह पर राजस्थान सरकार ,भर्तियों में राजस्थान वासियों के लिये खुशखबरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्मिक विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि भर्तियों में प्रदेशवासियों को प्राथमिकता दी जाये। मध्य प्रदेश सरकार की तरह अशोक गहलोत की सरकार भी अब अपने राज्य में प्रदेशवासियों को नौकरी देने का रोड मैप तैयार कर रही है।

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राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के कदमों पर चल रही है। कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि राज्य की नौकरियों में सबसे ज्यादा राज्य के लोगों को ही भर्ती किया जाएगा। ठीक ऐसा ही कुछ एलान अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। अशोक गहलोत ने मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर राजस्थान में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक प्राथमिकता देने की तैयारी कर ली है। इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विधि सहित अन्य विभागों के अफसरों को इस पूरे मामले का परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं ताकि राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक नौकरियां दी जा सके।

राजस्थान में कई वर्षों से यह मुद्दा चल रहा है कि प्रदेश की कई तरह की भर्तियां ऐसी हैं, जहां पर 100% स्थानीय युवाओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इनमें पटवारी, तृतीय श्रेणी शिक्षक, पशुधन सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, आंगनवाडी, पूर्व प्राथमिक शिक्षक और लिपिक जैसी कई ऐसी भर्तियां हैं जहां बाहरी युवाओं के मुकाबले स्थानीय युवा अच्छे से और बहुत बेहतर गुणवत्ता के साथ काम कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा तिथि आखिरकार घोषित कर दी है। यह भर्ती परीक्षा 6, 7 और 8 नवंबर को होगी। इसमें 5438 पदों के लिए परीक्षा दी जाएगी और लगभग 17 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने इसके लिए आवेदन किये हैं। सीएम गहलोत के निर्देश पर कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा 2018 में दिव्यांग जिनके 157 बैकलॉग पदों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इसलिए लिए जा रहे हैं क्योंकि यदि इन पदों पर स्थानीय उम्मीदवार होंगे तो व्यवस्था को चलाने में आसानी हो जाएगी।

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