केंद्र कर्मचारियों के भत्ते की कटौती को राहुल गांधी ने बताया सरकार का अमानवीय कदम

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कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले को अमानवीय और अंसवेदशील बताया है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध जताते हुए कहा, “लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।”

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशन भोगियों को 1 जनवरी, 2020 से देय महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्त का भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का भुगतान मौजूदा दरों पर किया जाता रहेगा। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश में जबर्दस्त आर्थिक मंदी देखने को मिल रही है। ऐसा एमरे भारत सरकार ने अपने खर्चे की कम करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2020 से 1 जुलाई, 2021 के बीच महंगाई भत्ते की दर को संशोधित नहीं करने का फैसला लिया है। महंगाई भत्ते का भुगतान मौजूदा दर (17 फीसदी) से किया जाता रहेगा। इसके साथ ही 1 जुलाई, 2021 को किए जाने वाले संशोधन के समय भी डेढ़ साल की इस अवधि के बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा।

Image source: Tweeted by @INC

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