एक तरफ कांग्रेस पार्टी लगातार राम मंदिर के विरोध में बयान जारी करती आई है। एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कांग्रेस यह कभी नहीं चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण हो। इसी बीच कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस की दिग्गज नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है। प्रियंका गांधी ने भगवान श्री राम के मंदिर का समर्थन करते हुए पत्र जारी किया है। प्रियंका गांधी ने इस पत्र में लिखा, “कई युगों से भगवान राम का चरित्र भारतीय भू-भाग में मानवता को जोड़ने वाला रहा है। उन्होंने लिखा कि भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम शबरी के हैं और सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं और वेदव्यास के भी। राम कबीर के हैं और तुलसीदास और रैदास के भी।” प्रियंका गांधी ने लिखा, “सबके दाता राम हैं।”
प्रियंका गांधी ने अपने इस पत्र में हिंदी के कवियों का जिक्र करते हुए कहा, “मैथिलीशरण गुप्त ने भगवान श्रीराम को निर्बल का बल कहा! इसके अलावा महाप्राण निराला ने श्री राम के बारे में लिखा है, “वह एक मन और रहा राम का जो ना थका !” और भगवान राम को शक्ति की मौलिक कल्पना माना है। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, “राम संयम हैं, राम संगम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबका कल्याण चाहते हैं इसीलिए राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।”
प्रियंका गांधी के इस वक्तव्य से ऐसा लग रहा है जैसे हिंदी के राष्ट्रकवि कुमार विश्वास इस समय एक कार्यक्रम किया करते हैं जिसका नाम है अपने अपने राम! जिसमें वे कहते हैं, “मातपिता पुरजन परिजन ने अपने-अपने देखे थे, वाल्मीकि तुलसी कंबन के अपने अपने-अपने राम!”
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
प्रियंका गांधी ने अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम को देश को एकजुट करने वाला कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता और बंधुत्व का कार्यक्रम बने।