भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज एक बार फिर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। 10 दिन की अवधि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी का यह दूसरा दौरा किया। करीब ढाई घंटे के काशी दौरे में पीएम मोदी ने पिंडरा के करखियांव में अमूल प्लांट की आधारशिला रखने के साथ ही 2100 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाएं अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को समर्पित की।
पीएम ने कहा कि पहले खेती आदि सबकुछ प्राकृतिक होता था लेकिन समय के साथ दबाव बढ़ता गया और प्राकृतिक खेती कम होती गई। लेकिन अब एक बार फिर समय की मांग है कि हम प्राकृतिक खेती की ओर लौटें। मैं अपने किसान भाई-बहनों से आग्रह करता हूं कि आप प्राकृतिक खेती की तरफ आगे बढ़ें। इसमें खर्च कम होता है उत्पाद भी बढ़ता है। ये सबसे सुरक्षित तरीका है और इससे उपजे फसलों की कीमत भी ज्यादा मिलती है।
हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं।
लेकिन सिर्फ अपना स्वार्थ सोचने वालों को यूपी का विकास पसंद नहीं आ रहा है।
हालात तो ये हैं कि इन लोगों को पूर्वांचल के विकास से, बाबा विश्वनाथ धाम से भी आपत्ति होने लगी है।
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— BJP (@BJP4India) December 23, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है। मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास के कई कारण भी हैं। तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है। पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं।
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भाषा भी उनके सिलेबस, उनकी डिक्शनरी से बाहर है।
उनके सिलेबस में, उनकी डिक्शनरी में, उनकी सोच में है- माफियावाद, परिवारवाद।
उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा।
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डेयरी उद्योग को करेंगे मजबूत : पीएम मोदी
पीएम ने कहा, पशुपालक परिवारों की मदद से आज भारत हर साल करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये के दूध का उत्पादन करता है। ये राशि, जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है। इसलिए भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में दिख रहा है।
आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो 'भव्य काशी-दिव्य काशी' अभियान को और गति देंगे।
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