प्रधानमंत्री मोदी ने दिए अधिकारियों को निर्देश, ब्लैक फंगस की दवाई दुनिया में कहीं भी मिले उसे भारत लाया जाये

कोरोना संक्रमण महामारी का ग्राफ घट रहा है लेकिन दूसरी तरफ ब्लैक फंगस नाम की महामारी अब लोगों की जान ले रही है। देशवासियों को इस महामारी से बचाने के लिए पीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ब्लैक फंगस की दवाई दुनिया में जहां कहीं भी मिलती हो उसे भारत लाया जाए।

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चित्र साभार: ट्विटर @BJP4India

कोरोना संक्रमण महामारी अब धीरे-धीरे काबू में आ रही है। देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि जल्द ही देश में बच्चों के लिए भी वैक्सीन तैयार हो जाएगी। अस्पतालों से धीरे-धीरे बोझ कम हो रहा है। लेकिन इस महामारी के अलावा अब ब्लैक फंगस नाम की एक महामारी ने देश को संकट में डाल दिया है। प्रतिदिन कई राज्यों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसी महामारी को लेकर पीएम मोदी लगातार ब्‍लैक फंगस और लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी इंजेक्शन की उपलब्‍धता को लेकर वरिष्‍ठ अधिकारियों से बात कर रहे है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने अधिकारियों को साफ-साफ शब्‍दों में कह दिया है कि विश्‍व के किसी भी देश में ये दवा मिले, वहां से इसे तुंरत भारत लाया जाए।

प्रधानमंत्री मोदी के ये एक कदम सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। क्योंकि यह बताया गया है कि भारत को अमेरिका की गलियड साइंसेज नाम की कंपनी से मदद मिली है।बता दें कि ये कंपनी भारत को रेम‍डेसिविर भी उपलब्‍ध करा रही है। अब ये कंपनी एंफोटेरेसिरिन बी भी भारत को उपलब्‍ध करा रही है। अभी तक इसकी 121,000 वायल या शीशियां भारत आ चुकी हैं। जल्दी ही 85,000 वायल और पहुंचने वाली है। बताया जा रहा है कि गलियड साइंसेज ने मायलन के जरिए भारत में एंफोटेरेसिरिन बी की 10 लाख खुराक भेजने का लक्ष्य रखा है। देश में ब्लैक फंगस महामारी के कुल 11,717 मामले सामने आए हैं।

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