प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से की अपील, मधुमक्खी पालन से जुड़े आम जनता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देश के किसानों से मधुमक्खी पालन (एपिकल्चर) से जुड़ने की अपील की है। मधुमक्खी पालन किसानों की आय को बढ़ाने में कारगर साबित होगा। तथा यह रोजगार का एक सशक्त माध्यम बन जाएगा।

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वर्तमान समय में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा हो चुका है बहुत सारे लोगों को रोजगार मिल रहा है बहुत सारे लोग बेरोजगार रह रहे हैं। इसी बीच बताया जा रहा है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश के किसानों से मधुमक्खी पालन से जुड़ने की अपील की। यदि किसान मधुमक्खी पालन से जुड़ेंगे तो निश्चित रूप से उनकी आय में अच्छी वृद्धि होगी।मधुमक्खी पालन को देश में शहद क्रांति या मीठी क्रांति का आधार बताते हुए तथा बंगाल के गुरदुम, गुजरात के बनासकांठा और हरियाणा के यमुना नगर का उदाहरण देते हुए उन्होंने मधुमक्खी पालन के रूप में स्वरोजगार के एक सशक्त माध्यम की तरफ देशवासियों का ध्यान खींचा है।

देश में मधुमक्खी का पालन करना एक बड़े उद्योग को लगाने जैसा हो चुका है। भारत दुनिया के 5 सबसे बड़े शहर उत्पादक देशों में शामिल है।पिछले 15 वर्षो में देश में शहद उत्पादन में 242 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के मुताबिक 2019-20 में भारत ने 633 करोड़ रुपये के लगभग 60 हजार मीटिक टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया। जिन देशों में भारत सहित भेजता है उनमें अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों का नाम शामिल है।

भारत में बनाया गया शहद विभिन्न माध्यमों के जरिए इन्हीं स्थानों पर भेजा जाता है। प्राचीन समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए शहद का उपयोग किया जाता था। शहद का उपयोग सौंदर्य तथा सज्जा में भी किया जाता था। माना जाता है शुद्ध शहद हजारों वर्षों तक खराब नहीं होता।

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