भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे पुरानी संस्कृति है और इसी संस्कृति के कारण हम विश्व को अपना परिवार मानते हैं। जिस प्रकार हाथों में 4 उंगलियां और एक अंगूठा बराबर नहीं होता, जिस प्रकार एक नदी में सारे जीव एक जैसे नहीं होते, जिस प्रकार एक परिवार में सभी लोग एक जैसे नहीं होते। ठीक उसी प्रकार विश्व भी एक परिवार है और उस परिवार के सभी सदस्य एक जैसे कभी नहीं रहे। हमारे देश की उदार संस्कृति का फायदा विश्व की सभी संस्कृतियों ने उठाया। अनेकों आक्रांताओं ने हमारे देश पर आक्रमण किया, हमारे विश्वविद्यालयों को तोड़ा, हमारी पुस्तकों को जलाया, हमें धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया लेकिन उसके बावजूद हमारे पूर्वजों ने उनके साम दाम दंड भेद, सभी तरह की नीतियों को ब्यर्थ घोषित कर दिया।
लेकिन ऐसा नहीं है कि आजादी प्राप्त होने के पश्चात हमें हमारी संस्कृति और हमारी संस्कृति का वैभव वापस मिल गया।आजादी के पश्चात भी बहुत सारे षड्यंत्र रचे गए कि किसी भी प्रकार से इस संस्कृति को और संस्कृति के मानने वाले लोगों को समाप्त कर दिया जाए। जिसमें निम्नलिखित कार्य शामिल थे:
- पुस्तकों से हिंदू महापुरुषों का नाम हटाना।
- उन शहरों के नाम परिवर्तन न करना जिन्हें मुगलो आक्रांताओं द्वारा परिवर्तित किया गया था।
- धार्मिक कार्यों में प्रयोग होने वाले भगवा वस्त्र को आतंकवाद से जोड़ना।
- भगवा आतंकवाद की कहानी गढ़ना।
- भारतीय संस्कृति को स्त्री विरुद्ध बताना।
ऐसे और भी बहुत सारे बिंदु हैं जिनके कारण लगातार भारतीय संस्कृति के बारे में दुष्प्रचार करने की कोशिश की गई। लेकिन यह भी कहा जाता है कि जो लोग मुगलों और अंग्रेजों के आगे नहीं झुके वो लोग 70 साल पुराने राजाओं के सामने क्या झुकेंगे?हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों तक जो संस्कृति को सुरक्षित रखा आज उस संस्कृति को बचाना हमारा परम कर्तव्य बन गया है।
भारत में इस समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है जिसके लिए कहा जाता है कि यह सरकार हिंदुत्व के साथ है और भारतीय संस्कृति के लिए स्वर्ण युग है। प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्य काल को स्वर्ण युग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस कार्यकाल में निम्नलिखित कार्य पूरी श्रद्धा के साथ किए जा रहे हैं।
- मंदिरों का निर्माण तथा रखरखाव
- भारतीय शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति को उचित सम्मान
- विश्व पटल पर भारतीय त्योहारों को मनाना
- अयोध्या की दीपावली,मथुरा की होली और काशी की देव दीपावली
- हिंदू महापुरुषों को पुस्तकों में स्थान देना
- मुगल आक्रांताओं के नाम पर रखे गए शहरों के नाम बदल नाम
- हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ उगले जाने वाले शहर को रोकना
ऐसे बहुत सारे कार्य है जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कर रही है या भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री के द्वारा किए जा रहे हैं। जिन्हें हम मान सकते हैं कि इनके द्वारा भारतीय संस्कृति को नई पहचान दिलाने का कार्य किया जा रहा है।
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बने योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार उत्तर प्रदेश को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कार्य कर रही है। जिसके लिए इस बार अयोध्या के घाटों पर 5 लाख दिए जलाकर अयोध्या की दीपावली को अभी सुप्रसिद्ध कर दिया गया। अयोध्या को स्वर्ग की तरह से जाकर भगवान राम की इस पावन भूमि को दोबारा संजीवनी देने का काम उत्तर प्रदेश की सरकार ने किया।
इसके अलावा जिस तरह से उत्तर प्रदेश की अयोध्या में 5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर का भूमि पूजन किया गया वह पूरे विश्व के सामने है। भारत के बहुत सारे लोगों के विरोध के बावजूद यह कार्यक्रम सफल हुआ और भारत वासियों के लिए प्रेरणा का कारण बना।
दीपावली में देव दीपावली
भगवान भोले शंकर की भूमि काशी में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा किए गए कार्यों की गवाही काशी की गली गली देती है। भगवान विश्वनाथ के मंदिर के आसपास तैयार किया गया विकास कार्य यह गवाही देता है कि किस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति के लिए कार्य किया है। लगातार बह रही मां गंगा की लहरें यह बताती है किस प्रकार भारत सरकार लगातार गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कार्य कर रही है।
पाठ्यक्रम में बड़ा परिवर्तन
वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। जहां पर भारतीय भाषाओं के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को पढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है। यहां मुगल आक्रांताओं के स्थान पर भारतीय क्रांतिकारियों के बारे में पढ़ाया जाना उचित समझा गया है। वहीं भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अभी ऐलान किया जा रहा है कि नीट और जेईई की पढ़ाई भी स्थानीय भाषाओं में होगी।