किसानों के हित के लिए लाए जाने वाले कानूनों पर भारत के कुछ हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी की समर्थक पार्टी अकाली दल ने भी अब भारतीय जनता पार्टी के इस बिल का विरोध किया है और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कल इस बिल को लेकर अपना इस्तीफा भी दे दिया। आज प्रधानमंत्री मोदी ने इन तीनों अधिनियम को लेकर अपना पक्ष देश के किसानों के सामने रखा और उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा,
“अब यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि किसानों को सरकार के द्वारा एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये मनगढ़ंत बातें कही जा रही है। धान, गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है।
मैं देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं। आप किसी भी भ्रम में मत पड़िए।
जो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं, दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं।
वे बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वे किसानों की कमाई लूटने वालों का साथ दे रहे हैं। pic.twitter.com/dZlnxV591F
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2020
किसानों के साथ धोखा है। हमारी सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबंध है। पहले भी थे, आज भी हैं, आगे भी रहेंगे ! सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी। पीएम ने कहा कि जो भी व्यक्ति जो उत्पादन करता है वह उसे भारत में कहीं भी बेच सकता है। जहां चाहे वहां बेच सकता है। अगर वो कपड़ा बनाता है जहां चाहे वहां बेच सकता है। अगर वह बर्तन बनाता है जहां चाहे वहां बेच सकता है। अगर वह जूते बनाता है तो कहीं पर भी बेच सकता है। एकमात्र किसानों को केवल, मेरे भाइयों किसानों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। इस प्रावधान के लागू होने के बाद अब किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।”
देशभर के किसानों को कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने पर बधाई देता हूं।
नए प्रावधानों के लागू होने से किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।
किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, उनसे किसानों को बचाने के लिए ये विधेयक रक्षा कवच बनकर आए हैं। pic.twitter.com/nnF4afkPaY
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” मैं देश भर के किसानों को इन विधेयकों के लिए बहुत बधाई देता हूं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं जो किसान की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं। उनसे बचने के लिए यह विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। किसानों को अपनी उपज देश में कहीं पर भी किसी को भी बेचने की आजादी होगी। यह एक ऐतिहासिक कदम है। 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं रहेगा। वह खुलकर खेती करेगा जहां मन आएगा वहां उपज बेचेगा किसी बिचौलिए का महत्व नहीं रहेगा और अपनी उपज अपनी आय को भी बढ़ाएगा। ”
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